दुर्गावती स्व-सहायता समूह ने 10 महिलाओं की जिन्दगी संभार दी
(खुशियों की दास्तां): डी.डी.शाक्यवार
मुरैना। सरकार की योजनायें कैसे विपत्ति ग्रहस्थ परिवारों के लिये वरदान साबित होतीं है। यह पता दुर्गावती स्व-सहायता समूह में जुड़कर कार्य कर रहीं महिलाओं के जीवन में आये आर्थि एवं सामाजिक बदलाव को देखने से मिला। दुर्गावती स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती गंगा देवी ने बताया कि मेरे मन में आये दिन ख्याल आते थे, कि मैं तो सिलाई का कार्य छोटा-मोटा घर पर करतीं हूं, किन्तु आस-पास की गरीब महिलाओं को भी रोजगार से कैसे जोड़ूं। क्योंकि उनके पति मजदूरी कार्य करके घर वापस आते थे, आये दिन आमदनी कम होने से पति-पत्नियों में आपसी मन मुटाव, झगड़े प्रतिदिन बने रहते थे। जब परिवार में पति-पत्नि का झगड़ा हो तब उनके बच्चों का पढ़ाई के अलावा और भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। यही बात मेरे मन में उनके प्रति आती थी। श्रीमती गंगा देवी ने आस-पास की सुमन, रेखा, राजवती, सिलजी सहित 10 महिलाओं का दुर्गावती स्व-सहायता समूह का एक गठन किया। समूह के गठन के बाद नगर निगम की सिटी मैनेजर श्रीमती प्रीति रोचलानी से सम्पर्क कर ऋण प्राप्त करने की मांग रखी। सिटी मैनेजर श्रीमती रोचलानी ने समूह के दस्तावेजों को प्राप्त कर, समूह को सेन्ट्रल बैंक की शाखा सेन्ट आरसेटी से सिलाई, कढ़ाई का 15 दिवस का प्रशिक्षण दिला दिया। प्रशिक्षण प्राप्त होने के बाद श्रीमती गंगा देवी ने ऋण लेने की बात श्रीमती रोचलानी से कही। श्रीमती रोचलानी ने प्रदेश की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से समूह को वर्ष 2016-17 में 5 लाख रूपये का ऋण विजया बैंक से स्वीकृत करा दिया। जिसमें 15 प्रतिशत सब्सिडी शासन द्वारा दी गई। अब समूह को मात्र 3.50 लाख रूपये जमा करने थे। दुर्गावती स्व-सहायता समूह की सभी महिलाओं ने 5 लाख रूपयें का ऋण पाकर सिलाई मशीन एवं थोक व्यापारी से स्कूल ड्रेस का कपड़ा क्रय किया। जिसमें स्कूली एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की ड्रेस बनाने का जिम्मा हाथ में लिया। समूह की महिलाओं ने जब ड्रेसे तैयार कर दुकानदार पर पहुंचाई तो समूह को अच्छा-खासा प्रोफिट होने लगा। समूह ने धीरे-धीरे साढ़े 3 लाख लाख रूपये का कर्जा बैंक का अदा कर दिया। अब समूह की सभी महिलायें 5 से 6 हजार रूपये प्रतिमाह कमा रही है। अब वे घर-गृहस्थी के खर्च में अपने पति का सहयोग करती है, जब पैसे की आवक परिवार में होती है, तब परिवारों में किसी भी प्रकार के लड़ाई झगड़े नहीं होते है, सभी समूह की महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में होने लगी है। समूह की सभी महिलायें समूह से जुड़कर बेहद प्रसन्न है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती गंगादेवी ने बताया कि प्रतिमाह समूह की प्रति महिला को 5-6 हजार रूपये वितरण करने के बाद समूह के खाते में भी आये बढ़ऩे लगी है और समूह की सभी महिलाओं ने बचत कर करके अपने घरों पर भी सिलाई मशीन खरीद ली है। जिससे वह अपने घर पर भी समूह से हटकर अलग प्रोफिट कमा रहीं है। यह सब प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से साकार हुआ है।