गुग्गुल एवं सतावर का विनाशहीन विदोहन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
मुरैना। कृषि अनुसंधान केंन्द्र मुरैना में बुधवार को सुजाग्रति समाज सेवी संस्था और जैवविविधिता प्रबंधन समिति लंग$िडया द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुग्गुल एवं सतावर पर विनाशहीन विदोहन की प्रक्रिया पर आयोजित किया गया। जिसमें मुरैना विधायक रघुराज सिंह कंषाना ने कहा कि औषधिये पौधे जैसे गुग्गुल, सतावर आदि के संरक्षण एवं संबर्धन हेतु संस्था द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। हम इसे योजना में जु$डकर मनरेगा के साथ इसका वृक्षारोपण करायेंगे। गुग्गुल एक बहुमूल्य औषधी है, इससे लोगों की आजीविका भी चलती है और पर्यावरणीय लाभ होता है। दिमनी विधायक गिर्राज सिंह डंडोतिया ने अपने उद्ववोधन में कहा कि हमारे बीह$ड में विभिन्न प्रकार की औषधियां विद्यमान हैं, किन्तु हमें उनकी जानकारी नही है उनकी सही जानकारी इस तरह के प्रशिक्षण जरूरी है। ऐसे प्रशिक्षण से ही हम आयुर्वेदिक औषधियां की पहचान कर सकते है। उन्होनें कहा कि हम, किसानों को औषधी पौधों की खेती करना चाहिये। आज हमें १ हजार ६१० रन गुग्गुल की आवश्यकता है। इन औषधीय पौधों को खेती के रूप में किया जाए तो १६१० टन गुग्गुल की आवश्यकता है वह हम मुरैना से ही पूर्ति कर पाऐंगे। इसके लिए उन्होने आश्वासन दिया कि इसे बीह$ड क्षेत्र की पंचायतों में महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के साथ प्लान्टेशन करवांए। कार्यक्रम में डी.एफ.ओ. द्वारा जैवविविधता के संरक्षण एवं संबर्धन पर बल देते हुऐ वन विभाग की तरफ से भी इस कार्य को आगे ब$ढाने की पहल के लिए आश्वासन दिया। उन्होने जलीय जीवों डोलफिन, घ$डीयाल, कछुऐ इन प्रजातियों के संरक्षण एंव संबर्धन पर भी चर्चा की। इस अवसर पर डाबर कंपनी के डॉ. किमोटी ने कहा कि मुरैना जिले की विशिष्ट गुग्गुल है यहां की गुग्गुल में गुजरात की गुग्गुल से 'यादा महत्वपूर्ण औषधि गुण है। उनके द्वारा यह भी आश्रवस्त किया गया कि जितना भी गुग्गुल, सतावर औषधीय पौधें हैं उन्हे हम उचित मुल्य पर खरीदेंगे। इस कार्यक्रम में ७० किसानों ने भागीदारी की। जिसमें बामसौली, जाबरौल, पिपरई, जाटोली, भानपुर आदि गांव के लोगों ने भागीदारी की। श्री ओम त्रिपाठी द्वारा क्यू.सी.आई. द्वारा क्या कार्य किया जाता है उस पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का संचालन श्री जाकिर हुसैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर महिलाओं की भागीदारी सशक्त करने के लिए व गुग्गुल की नर्सरी या स्वंय सहायता समूह गुग्गुल के संरक्षण पर जानकारी दी। जैवविविधता पं्रबधन समिति के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह तोमर द्वारा सभी लोगों का आभार प्रदर्शन किया गया तथा श्री आमिल खॉन द्वारा प्रशिक्षण की व्यवस्था देखी गई साथ ही पॉलीथिन से होने वाले नुकसानों के बारे में लोगों को बताया गया व पॉलीथिन का स्तेमाल न करने को कहा गया। कृषि विज्ञान केन्द्र मुरैना के वैज्ञानिक श्री एस.पी. सिंह द्वारा भी कार्यक्रम में भागीदारी की गई।
संस्था द्वारा गुग्गुल पर एक ब्रॉसर निर्माण किया गया था उसका विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य था कि किसानों को सही तरीके से चीरा लगाकर गुग्गुल से गोंद निकालना जिससे गुग्गुल का विनाश न हो उसी तरीके से सतावर के संरक्षण और संबर्धन की बात प्रशिक्षण में कही गई। सही तरीके से हारवेस्टिंग वैल्यू एडिशन और किसान क्वालिटी मैनेजमेंट कैसे करें यह बताया गया।