जनजागरण अभियान चलायें, बाल श्रम कराने वाले प्रतिष्ठानों पर करे कार्यवाही: कलेक्टर
मुरैना। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने समस्त जिला अधिकारियों को निर्देश दिये है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यदि किसी व्यवसाय या किसी प्रक्रिया में नियोजित या कार्यरत पाया जाता है तो वह बाल श्रम है। किसी भी प्रकार के व्यवसाय या प्रक्रिया में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का कार्य अथवा नियोजन प्रतिबंधित है। इसलिये बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिशेध एवं विनियमन ) 1986 के अधीन दण्ड का प्रावधान है। इसके लिये जिला एवं ब्लॉक स्तर पर शिक्षा विभाग, नगरीय निकायों के माध्यम से जनजागरण अभियान चलायें। बाल श्रम करने वाले प्रतिष्ठनों को अधिनियम के तहत कार्यवाही करें। यह निर्देश उन्होनें सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाल श्रम जिला टास्क फोर्स की बैठक में अधिकारियों को दिये। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एसके मिश्रा, श्रम निरीक्षक यतेन्द्र भदौरिया, समस्त जिला अधिकारी, जनपद सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि 14 से 18 वर्ष के किशोरो का परिसंकटमय कार्यों में नियोजन प्रतिबंधित है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर अधिनियम की दण्डनीय धारा 14 के अनुसार 6 माह से 2 वर्ष तक कारावास या 20 से 50 हजार तक जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य को बाल श्रम कुप्रथा से मुक्त बनाये जाने हेतु कार्ययोजना प्रारंभ की है। इसमें सभी अधिकारी जनजागरण जागृति लायें, जैसे रेली या नुक्क$ड नाटक या आपकी सरकार आपके द्वार जैसे कार्यक्रमों में प्रचार-प्रसार करावें। उन्होनें कहा कि रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सिनेमा हॉल, मॉल, प्रमुख बाजार, प्रमुख अस्पताल, चौराहे अदि पर प्रदर्शन करावें।