कु. सम्पत्ति ने कौशल विकास योजना से लाभ लेकर बनीं कम्पाउन्डर
खुशियों की दास्तंा:डी.डी. शाक्यवार, संयुक्त संचालक, जनसंपर्क विभाग मुरैना
मुरैना। मुन्शी के बाग मुरैना निवासी कु. सम्पत्ति पुत्री कमलेश कुशवाह को मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से 6 माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने आप में हुनर प्राप्त कर कम्पाउन्डर बनकर अपने पिता के साथ सहयोग प्रदान कर रही है। अब पढ़ाई का खर्च भी स्वयं उठाती है। पैसे बचने पर पिता का सहयोग करती है। कु. सम्पत्ति कुशवाह मुरैना शहर के एक प्रतिष्ठित हॉस्पीटल में कम्पाउन्डर बनकर नौकरी कर रही है।
कु. सम्पत्ति कुशवाह ने बताया कि परिवार की दयनीय स्थिति थी, मेरे पिता खेती में साग-सब्जी पैदा करके घर-गृहस्थी के खर्चे में से कटौती कर हम दो बहन और दो भाईयों को पढ.ाया। 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मन में जिज्ञासा थी, कि मैं नर्सिंग कोर्स का प्रशिक्षण करके कम्पाउन्डर बनूं। किन्तु पिता के पास नर्सिग कोर्स कराने के लिये इतना पैसा नहीं था कि मुझे वे एक अच्छे कॉलेज से नर्सिंग कोर्स कर सके। एक तरफ तो परिवार का खर्चा दूसरी ओर हम 4 भाई बहनों का प$ढाई का खर्च पिता के लिये मुसीबत बनता जा रहा था। एक दिन मेरे क्लास के दोस्त मोनू होलकर ने बताया कि नगर निगम द्वारा मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत 6 माह का नर्सिंग कोर्स नि:शुल्क दिया जाता है। कोर्स के बाद कम्पान्डर बन सकते है। मैनें दूसरे दिन ही नगर निगम की सिटी मैनेजर श्रीमती प्रीति रोचलानी के माध्यम से फॉर्म प्रस्तुत किया। जिसमें मुझे प्रशिक्षण के लिये नियुक्त कर लिया। 6 माह का कम्पाउन्डर का नि:शुल्क प्रशिक्षण मुझे दिया गया। जिसमें ड्रिप, इन्जेक्शन, ब्रेरूला एवं विभिन्न प्रकार ड्रेसिंग का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मेरी लिखित परीक्षा हुई। जिसमें मैं उत्तीर्ण हुई। मुझे एक अनुभव प्रमाणपत्र प्रदान किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कई हॉस्पीटलों से ऑफर मुझे आने लगे, मेरे मन में भी जिज्ञासा थी कि मुरैना शहर में प्रतिष्ठित हॉस्पीटल में काम करने का मौका मिले। कुछ समय बाद मुझे मुरैना शहर के प्रतिष्ठित हॉस्पीटल में कम्पाउन्डर कार्य करने के लिये दूरभाष पर कॉल किया गया। मैंने पहुंचकर कम्पाउन्डर का कार्य प्रारंभ किया। जिसमें मुझे साढ़े 5 हजार रूपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त होने लगा। वेतन प्राप्त होने से मैं अपने पिताजी के घर खर्च में राशि देने लगी। धीरे-धीरे परिवार की रोनक बदली और आज मैं एक अच्छा कम्पाउन्डर बन गयी हूं। जो सपना प्रदेश की कौशल विकास योजना से साकार हुआ।