मिलावट को रोकने प्रशासन की कार्यवाही, एक चिलर शील्ड, दूसरे से भरे सेंपल
एसडीएम अंकिता धाकरे के नेतृत्व में तहसीलदार ने की कार्यवाही
मुरैना। जिले भर में तेल, घी, दूध, मिर्च-मसाले व अन्य खाद्य वस्तुओं में चल रही मिलावट को लेकर आमजन के साथ-साथ प्रशासन भी सक्रिय हो चुका है। जिले की कैलारस तहसील में शिकायतों के चलते स्थानीय प्रशासन ने दो चिलर सेंटरों पर कार्यवाही की, जिनमें एक को शील्ड किया गया तो दूसरे से सेंपल भरकर जांच हेतु भेजे गये। एसडीएम के नेतृत्व में हुई कार्यवाही से मिलावटी दुग्ध संचालकों में हडकंप मच गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य शासन के निर्देशानुसार मिलावट के विरूद्ध निरंतर कार्यवाहियों को अंजाम दिये जाने के तहत एसडीएम अंकिता धाकरे को सूचना मिली कि चिलर सेंटरों में सिंथेटिक दूध का निर्माण किया जा रहा है। इस सूचना पर से वह सुबह ही पहाडगढ़ रोड पर पहुंच गयी और तहसीलदार, पटवारी व अन्य राजस्व अधिकारियों को बुलाकर कार्यवाही की। टीम ने सर्वप्रथम बिना लायसेंस के संचालित श्रीराम डेयरी चिलर सेंटर पर भारी अनियमिताऐं पाई गयी और उसे मौके पर ही शील्ड कर दिया गया। इसके पश्चात लाभकरन रोड पर संचालित रजनी फूड प्रोडक्ट चिलर पर दूध के सेंपल सेंपल लिये गये जिन्हें जांच हेतु भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि पहाडगढ़ की ओर जाने वाले इसी मार्ग पर धूरकूडा गांव के समीप भी कुछ चिलर सेंटर संचालित है, जो प्रशासनिक अधिकारियों की पहुंच से परे हैं, किन्तु खाद्य अधिकारियों की नजर में है। इन पर भी कार्यवाही आवश्यक है।
आखिर खाद्य सुरक्षा विभाग को क्यो नहीं दिखा यह चिलर
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम में ऐसे-ऐसे कर्मचारी पदस्थ जो पिछले कई वर्षो से इसी जिले में तैनात हैं। नाम मात्र के लिये उनके स्थानांतरण हुये किन्तु लोटकर वे पुन: यहीं आ गये। मामला यह है कि जिस चिलर सेंटर पर कार्यवाही के दौरान लायसेंस नहीं मिला है वह पिछले लंबे समय से संचालित है। गौरतलब बात यह है कि यूं तो खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम कई बार वाह-वाही लूटकर अखबारों की सुर्खियां बनी है किन्तु इस चिलर लायसेंस देखने की उन्हें फुर्सत नहीं मिली। सूत्र तो यहां तक बताते है कि श्रीराम डेयरी के नाम से संचालित यह चिलर लंबे समय से दुग्ध का व्यापार कर रहा है और लायसेंस के एवज में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम की समय-समय पर भेंट पूजा करता रहता है।