पूर्व नपा अध्यक्ष को प्रभारी डीएफओ ने दी जान से मारने की धमकी

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट




मुरैना। वन विभाग इन दिनों भ्रष्टाचारी के आलम में नम्बर 1 पर माना जा रहा है विभाग के अधिकारी बमुश्किल अपना स्थानांतरण रूकवा कर डीएफओ प्रभार में आ गए हैं उसी समय से लगातार अवैध रेत उत्खनन और सुरक्षा चौकियों पर भी खुलेआम भ्रष्टाचारी का माहौल खडा कर दिया है। नेताओं की चापलूसी और आम जनता से बेईमानी करने का उद्देश्य बनाकर काम कर रहा यह विभाग अब इस हद पर उतर आया है कि एक दलित पूर्व नपा अध्यक्ष जो आरटीआई के तहत विभाग से जानकारी चाह रहा था उसे जानकारी न देकर अधिकारी और कर्मचारियों ने गुण्डों को बुलाकर उसे जान से मारने की धमकी देते हुए उसके अपहरण करने की कोशिश की। इतना ही नहीं कार्यालय में उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया। मामले की सुनवाई पुलिस प्रशासन ने भी आज दिनांक तक नहीं की है। क्यों कि पुलिस अपना बजूद खोकर राजनीति के इशारे पर कार्य करने पर जुटी है। सिविल लाइन थाने के कई मामले चर्चा का विषय बने हुए हैं।
सूत्रों की माने तो सिविल लाइन थाना क्षेत्र के वन मण्डलाधिकारी जो एसडीओ के प्रभार पर हैं। कार्यालय में अधिनस्थ दो बाबुओं पर कांग्रेस नेता व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अजीत जाटव ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ने एसपी को लिखित में आवेदन देकर प्रभारी डीएफओ और दो बाबुओं सहित अज्ञात बदमाशों पर एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है। पूर्व नपा अध्यक्ष ने बताया कि वन विभाग में भ्रष्टाचारी और घपलेबाजी की जानकारी के लिए कार्यालय में आया था जहां वन मण्डला अधिकारी के कार्यालय में पहुंचा मैंने खडे व्यक्ति से डीएफओ से मिलने की सूचना दी। मैंने अपनी स्लिप गेट पर खडे व्यक्ति को दे दी। मेरे साथ एन्टी करप्शन फ्रंट के संभागीय अध्यक्ष मुरारी लाल पचौरी भी थे। जब चैम्बर में जाकर जानकारी मांगी चाही तो प्रभारी डीएफओ पीड़ी ग्रेबियल बोखला गए और बाबुओं को बुलाकर कहा कि इसकी नेतागिरी उतार दो। जब में चैम्बर से बाहर गेट पर निकलकर पहुंचा  तो गेट के बाहर 4-5 लोग खड़े थे।उन्होंने कहा कि कोंन हो तुम लोग, जब मैंने अपना परिचय दिया तो गाली गलौज करते हुए जाति सूचक गालियाँ देने लगे और साथ ले जाने के लिए कोशिश करने लगे और हमको धमकी देते हुए कहा कि आज के बाद आफिस में दिखे तो जान से मार देंगे। इसके बाद घबराते हुए हम लोग सिविल लाइन थाने पहुंचे तो वहां उपस्थित कर्मचारियों ने कहा कि बिना टीआई की अनुमति के आवेदन नहीं ले सकते हैं। इसके बाद मैंने एसपी ऑफिस पहुंचकर, डीएफओ सहित दो बाबुओं और अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की हैं।


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