सर्व समाज के संत थे मुनि चिन्मय सागर: जिनेश
अम्बाह। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज जंगल वाले बाबा का सल्लेखना पूर्वक समाधि मरण हो गया था संत श्री को श्रद्धांजलि देने लिए गुरुवार को परेड चौराहा स्थित जैन मंदिर में सभा का आयोजन किया गया जिसमें बोलते हुए पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जिनेश जैन ने कहा कि मुनि श्री चिन्मय सागर जी महाराज ने सिद्ध क्षेत्र सोनागिर जी में वर्ष 1988 में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से सीधे मुनि दीक्षा प्राप्त की थी दीक्षा के बाद मुनि श्री ने आध्यात्मिक जगत को प्राथमिकता देते हुए जंगल में रहकर साधना को प्रमुखता दी वह कर्नाटक महाराष्ट्र मध्य प्रदेश आदि प्रांतों में चातुर्मास की स्थापना जंगल में किया करते थे उनके दर्शन करने के लिए देश के विभिन्न भागों से छोटे बड़े तबके के सभी लोग दर्शनार्थ पहुंचते थे।
मुनिश्री जैन समाज के ही नहीं वह सर्व समाज के संत थे उनके समाधि पूर्वक देह छोडऩे के साथ ही जंगल में साधना करने वाले एक महान संत का वियोग हो गया है राकेश जैन भण्डारी ने कहा कि मुनि चिन्मय सागर जी लोगों को शाकाहार से जुडऩे और नशे से दूर रहने की प्रेरणा देते थे वह लोगों को माला देकर उनसे शपथ दिलवाते थे कि वह जीवन में जुआ शराब जैसे व्यसनो से दूर रहेंगे उमेश जैन ने कहा कि वह ऐसे साधुओं की श्रंखला में अग्रणी माने जाएंगे जिन्होंने अजेनो से भी मांसाहार और शराब जैसी बुराइयों को छुड़वाया अशोक जैन एडवोकेट ने कहा कि उन्होंने अपने संपर्क में आए हर व्यक्ति को समाज सेवा के कार्य और शाकाहार की ओर बढऩे के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर जिनेश जैन अशोक जैन राकेश भण्डारी उमेश उषा भण्डारी अजय सर्राफ कपिल जैन आकाश जैन संजीव पांडे नरेश गुरु स्वदेश जैन मृदुला जैन हेमेंद्र जैन राहुल नायक पंकज जैन देवचंद जैन बबलू जैन विमल जैन मोनू जैन ओपी जैन पंकज जैन प्रिंस जैन सहित अनेक लोग मौजूद थे।
फोटो फाइल- 24 मुरैना 11