शॉर्ट वेट पर नहीं लग रही लगाम, जनता के साथ ठगी
शॉर्ट वेट पर नहीं लग रही लगाम, जनता के साथ ठगी
-मिलर्स एसोसियेशन की बैठक में फुल वेट माल बेचने की खाई थी शपथ
मुरैना। शैलेन्द्र श्रीवास (एडिटन-इन-चीफ) गत 9 अक्टूबर को अग्रवाल सेवा सदन में मिलर्स एसोसियेशन की बैठक आयोजित हुई जिसमें उपस्थित सभी तेल पैकिंग करने वाले व्यापारियों ने यह शपथ ली थी कि अब से हम फुट वेट माल ही ट्रकों में लोड करेंगे। किन्तु कोई भी व्यापारी अपनी इस शपथ पर कायम न रख सका और धडल्ले से देश भर की जनता के साथ शॉर्ट वेट माल देकर ठगी कर रहे हैं। ठगी के इस कारोबार को छुपाने के उद्देश्य से गत दिवस लक्ष्मी ऑयल मिल में बिना नापतौल अधिकारी के ही खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कार्यवाही को अंजाम दिया। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि शॉर्ट वेट के इस कारोबार में अकेले मिल व्यवसाई ही नहीं अपितु प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। उसकी मूल बजह यह है कि एक तरफ तो जिला प्रशासन के आला अधिकारी कलेक्टर यह आदेश करते है कि किसी भी मिल में कार्यवाही के दौरान नापतौल की टीम भी साथ होनी चाहिये। वही दूसरी ओर उन्हीं आला अधिकारी का चहेता खाद्य सुरक्षा अधिकारी सरेआम उनके आदेश को ठेगा दिखाते हुये नापतौल विभाग की टीम को बिना साथ लिये अपने चहेत मिल संचालक पर कार्यवाही को अंजाम देता है। उल्लेखनीय है कि जिन मिलों में पैकिंग का कारोबार हो रहा है। जमकर शॉर्ट वेट का काम किया जा रहा है। यदि कोई मिल संचालक एक लीटर में 100 एमएल चोरी करता है तो आप अंदाजा लगा सकते है कि वह मिल संचालक एक दिन में कितनी चोरी करता होगा। क्योकि मिल से माल लीटरों में नहीं बल्कि टनों के हिसाब से सप्लाई होता है।
4 साल बाद नजर आया लक्ष्मी ऑयल मिल
खाद्य सुरक्षा विभाग की यह जिम्मेदारी बनती है कि उनके जिले में यदि कहीं भी कोई खाद्य संबंधी मिल संचालित है तो उस पर प्रतिवर्ष दो बार सैंपलिंग की कार्यवाही होना अनिवार्य है। ऐसी जानकारी विशेष विशेषज्ञों द्वारा दी गयी है। गत दिवस लक्ष्मी ऑयल मिल पर खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा सैंपलिंग की कार्यवाही की गई किन्तु उन्हें यह मिल लगभग 4 वर्षो बाद नजर आया। इससे पूर्व नगर के अनेकों मिलों पर कार्यवाही हुई किन्तु लक्ष्मी ऑयल मिल को हमेशा अनदेखा किया गया। आमजन में इस बात की चर्चा है कि लक्ष्मी ऑयल मिल के संचालक व उनके पुत्र से खाद्य सुरक्षा की टीम में शामिल किसी निरीक्षक से गहरे संबंध है और वह अपने संबंधों को 4 वर्षो से निभा रहे थे। गत दिवस की गई कार्यवाही में खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा प्राप्त प्रेसनोट में टाईगर ब्रॉड को कच्ची घानी तेल बताया गया जो कि सरासर गलत है। जब कि हकीकत में यह है कि टाइगर ब्रॉड भी मिक्सड ऑयल में शामिल है। इसी लक्ष्मी मिल की एक ओर इण्डस्ट्रीज है जो आरएस के नाम से संचालित है। आरएस इण्डस््रटीज के अंदर सबसे ज्यादा पैकिंग का कारोबार होता है किन्तु यह इण्डस्ट्रीज भाग्य की इतनी धनी है कि खाद्य सुरक्षा व नापतौल की टीम इस इण्डस्ट्रीज न के बराबर ही जाती है।
मीडिया से छुपाकर करते है कार्यवाही
प्रदेश सरकार द्वारा मिलाबट के विरूद्ध जब निर्देश दिये गये थे तब मीडिया को भी जागरूक रहने की बात कही गयी थी और संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया था कि कार्यवाही निष्पक्ष हो इसका विशेष ध्यान रखा जाये और मीडिया को साथ लेकर कार्यवाही की जाए। जिले की अनेकों कार्यवाहियों में मीडिया को ना ही सूचित किया गया और ना ही उन्हें साथ लिया गया। इससे खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यवाही पर भी सवाल उत्पन्न होते हैं। लोगों में यह चर्चा जोरों से है कि यह कार्यवाही नहीं त्यौहारी बसूूली चल रही है। यदि कार्यवाही होती तो प्रशासनिक अधिकारी व मीडिया भी साथ रहती। फिलहाल जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर अपनी आंखे मूंद रखी है।
-इनका कहना है........
मप्र सरकार का प्रण है कि प्रदेश से मिलावट पूरी तरह समाप्त हो इसके लिये प्रदेश सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को सूचित किया है कि मिलावट के विरूद्ध कड़़ी कार्यवाही की जाये, यदि कोई अधिकारी किसी मिल का पक्ष लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जायेगा।
लाखन सिंह यादव, प्रभारी मंत्री मुरैना मप्र शासन