मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना ने मातादीन को सटरिंग मालिक बनाया
(खुशियों की दास्तां): -डी.डी.शाक्यवार
मुरैना । कैलारस विकासखण्ड के ग्राम सेमई निवासी मातादीन पुत्र चिरमौली जाटव अब स्वयं का सटरिंग मालिक बन गया है। यह सब प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के द्वारा साकार हुआ है। ग्राम सेमई निवासी मातादीन छोटे-छोटे ठेके लेकर मकान निर्माण कार्य करता था। मकान का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर आरसीसी छत डालने के लिये सटरिंग का सामान मातादीन के पास नहीं था।
चूंकि सटरिंग सामान न होने पर वह बडे से बडे भवन, मकान या कोठी के ठेके लेने में असमर्थ था। दिहाडी मजदूरी करने से इतनी आमदनी नहीं थी कि परिवार का खर्च चलाकर विस्तार से छत डालने के लिये हजार दो हजार वर्ग फीट सटरिंग का सामान खरीद सकता। आये दिन अपने नसीब हो कोसता था कि आज मेरे पास पैसा होता तो मैं भी बडी-बडी बिल्डिंग, कॉलम बिल्डिंग निर्माण का कार्य ठेका ले सकता था। श्री मातादीन एक दिन समाचार पत्र पढ रहा था, उसमें जिला उद्योग केन्द्र के द्वारा स्तहार जारी किया। जिसमें शिक्षित बेरोजगार युवाओं को लघु उद्योग चलाने के लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना द्वारा लोगों को ऋण प्रदान करने के लिये आवेदन आमंत्रित किये गये है। मातादीन ने अगले जिला उद्योग केन्द्र मुरैना में आवेदन ऑनलाइन कर दिया। आवेदन कुछ समय बाद स्वीकृत हो गया और उसे सेन्ट्रल बैंक सेमई से ३ लाख रूपये का ऋ ण स्वीकृत हो गया। यह राशि खाते में प्राप्त होते ही मातादीन ने २ हजार वर्ग फीट के लिये सटरिंग का सामान क्रय किया और धीरे-धीरे बडे-बडे मकान, कॉलम बिल्डिंग के ठेके लेकर कार्य प्रारंभ करने लगा। अब तो सटरिंग का सामान होने पर भवन निर्माण कार्य कराने वाले लोग ठेका देने के लिये मातादीन के घर आने लगे, मातादीन ने भी भवन निर्माण कार्य लोगों के समय पर पूर्ण किये। अब तो मातादीन की गांव में प्रतिष्ठ लोगों में गिनती होने लगी। धीरे-धीरे मातादीन बैंक का कर्जा भी ५ हजार रूपये प्रतिमाह किस्त के रूप में जमा कर रहा है। इसके अलावा परिवार खर्च भी अच्छी तरह से चल रहा है। बच्चों की पढाई-लिखाई भी अच्छे स्कूल में करा रहा है। यह सब प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना ने साकार किया है।