राममंदिर फैसला: मुरैना में चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस




मंदिर-मस्जिद पर कड़ी सुरक्षा, कलेक्टर, एसपी सहित पुलिस बल की गाडिय़ां रहीं भ्रमण पर
मुरैना। 6 दिसम्बर 1992 के बाद विवादों में घिरा अयोध्या मंदिर का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन था। शनिवार की सुबह सर्वोच्च न्यायालय के 5 श्रेष्ठतम माननीय न्यायाधीशों ने विवाद भूमि को अपना फैसला सुनाया। उक्त फैसला आने से पूर्व ही कलेक्टर मुरैना के निर्देश पर संपूर्ण जिले भर कड़े सुरक्षा प्रबंध किये गये। चप्पे-चप्पे पर पुलिस मौजूद रही। वहीं जिले के अनेकों मंदिर व मस्जिदों पर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया। उसके उपरांत भी कलेक्टर, एसपी सहित भारी पुलिस बल निगरानी करते रहे। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास सहित पुलिस कप्तान डॉ. असित यादव अपने काफिलों के साथ शहर का भ्रमण कर कड़े सुरक्षा इंतजाम की निगरानी की गयी। मस्जिद, मंदिरों सहित पेट्रोल पम्प स्टेशन, नेशनल हाईवे पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया, साथ ही जिले की सीमा पर भी सघन चैकिंग अभियान बीती रात से ही चलाया गया। जिले भर में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई। 83 कैमरों सहित ड्रॉन से शहर की निगरानी रखी गयी। सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने शहर में तीन डीएसपी, चार टीआई, 11 एएसआई सहित 169 पुलिस के जवान तैनात रहे। होटल लॉजों सहित रेलवे स्टेशन और बस स्टेण्ड पर सघन चैकिंग अभियान शनिवार की सुबह से ही चलाया गया। जिले भर में धारा 144 लागू रही। अयोध्या मामले में देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा कर्मी तैनात किये गये, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पुलिस द्वारा सतत निगरानी रखी गयी।   


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