शहर में थानों के सामने से होकर गुजरते हैं रेत से भरे ट्रैक्टर, नहीं होती कार्रवाई


रेत अवैध उत्खनन जारी, शासकीय निर्माण कार्य में रेत हो रहा है उपयोग
पोरसा। शासकीय कार्यों में व नगर पालिका एवं पंचायत के निर्माण कार्यों में ठेकेदारों द्वारा कम रेट में टेंडर डाल देते हैं। जिसमें मापदंडों के आधार पर निर्माण कार्य नहीं किया जाता है। अधिकारियों की सांठगांठ से सभी निर्माण कार्य पास कर दिए जाते हैं। इंजीनियर भी अपनी खानापूर्ति  करते हैं वही रोड कुछ महीने बाद ही उखडऩे लगती है। जगह-जगह गड्ढे हो जाती है, लेकिन अधिकारियों की कान में जू तक नहीं रेंगती ठेकेदार भी कम रेट में टेंडर डालने के बाद निर्माण कार्य भी घटिया करते हैं तथा चंबल के रेत का इस्तेमाल करते हैं। फॉरेस्ट विभाग द्वारा भी कभी कार्यवाही नहीं की जाती है। प्रशासन ने विभाग तो बनाए हैं लेकिन जिम्मेदारी कोई नहीं समझता। सब अपनी अपनी जेब में गर्म करने में लगे हुए हैं इसीलिए सभी के हौसले बुलंद हैं खुले में 40 से 50 रेत की ट्रॉलीया प्रतिदिन शहर के मुख्य मार्गों से होकर निकलती हैं। स्पीड मैं निकलने वाली ट्रॉलीओं से कई बार दुर्घटनाएं हुई हैं और कई लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है फिर भी प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं अवैध चंबल रेत का उत्खनन साहस का पुरा नगरा घाट आदि जगहों से संचालित किया जा रहा है। कुछ महीने पूर्व साहस का पुरा में रेत के ट्रैक्टर से एक्सीडेंट होने के बाद उसकी मृत्यु हो गई थी और गांव वालों ने चक्काजाम कर दिया था। पुलिस से भी मारपीट की घटना हुई थी जिस पर गांव वालों ने स्पीड से निकलने वाले ट्रैक्टरों पर पाबंदी लगाने के लिए कहा था जिस पर एडिशनल एसपी आशुतोष बागरी ने ग्रामीणों को आश्वासन  दिया और मौके पर जाकर डंप किए हुए रेत को नष्ट कराया था और घाट वाले रास्तों मैं जेसीबी मशीन द्वारा गड्ढे खोदकर रास्ता बंद कराया था लेकिन रेत माफियाओं ने पुन: कार्य को शुरू  कर दिया है नगरा थाना के सामने सीबी पोरसा शहर एवं अटेर की तरफ कई रेत की ट्रॉली निकलती हैं ।


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