बालक बालिकाओं की शिक्षा सहित उनके उन्नयन के लिए कार्य कर रहे हैं डॉ. सुधीर आचार्य
अम्बाह। निस्वार्थ जन सेवा करने वाले डॉ.सुधीर आचार्य गरीब, निर्धन, असहाय, बेसहारा बालक-बालिकाओं और निर्धन परिवारों के लिए आशा और उम्मीद की किरण बन गये हैं, उन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है। अधिकांशत अपने स्वयं के खर्चे से उत्कृष्ट सेवा का जुनून रखने वाले सुधीर आचार्य ने 15 वर्ष की अवस्था में ही सेवा के पथ पर कदम रख दिया था। डॉ. सुधीर आचार्य को सेवा का पथ अपने पिता प्रोफेसर डॉ. भगवान सहाय शर्मा से परंपरा और विरासत में मिला। आप पिछले 31 वर्षों से विविध स्वरूपों में लगातार मानव सेवा करते आ रहे हैं। आचार्य आज भी अधिकांश स्वयं सेवा करना पसंद करते हैं।
डॉ. सुधीर आचार्य ने 1988 में मानव सेवा के लिए अभिनव जन सहयोगी क्लब नामक संस्था की स्थापना की और पिछड़ी उपेक्षित बस्तियों में श्रमदान तथा जन जागरण से अपनी सेवा यात्रा शुरू करने वाले आचार्य ने 2001 में संजीवनी मध्य प्रदेश नामक संस्था पंजीकृत कराई और इसी बैनर के तले मोतियाबिंदनेत्र ऑपरेशन लैंस प्रत्यारोपण शिविर कैंसर जांच शिविर रक्तदान शिविर हेल्थ चेक अप आदि के माध्यम से सैकड़ों लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया। इसी संजीवनी के माध्यम से 2001 से निरंतर बालिका संरक्षण कन्या भ्रूण बचाओ महिला सशक्तिकरण पर सैकड़ों गांव में पहुंच _पहुंच कर जन जागरण रैली, जागरण सभाएं, सामूहिक कन्या महोत्सव, महिला विधिक जागरूकता शिविर आदि के माध्यम से कार्य किए। बालिका बचाओ बालिका पढ़ाओ बालिका आगे बढ़ाओ कार्यों की गूंज मध्य प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली तक पहुंची और और वहां आउटलुक स्पीड एवार्ड संजीवनी की बालिका ब्रांड एंबेसडर श्रेष्ठा गौड के साथ आचार्य को सम्मानित किया गया।
आज भी बेटियों की शिक्षा के लिए डॉ. सुधीर आचार्य और उनकी धर्मपत्नी डॉ. प्रगति शर्मा विशेष रूप से प्रयासरत रहते हैं और अपने निजी शैक्षणिक संस्थान ब्राइट कैरियर एकेडमी में आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर और सामाजिक रूप से पिछड़ी बेटियों-बेटों को नि:शुल्क शिक्षा दिलाने में महती भूमिका निभाते हैं। पिछले 10 वर्षों में ब्राइट कैरियर एकेडमी में लगभग 3 सैकड़ा छात्र-छात्राऐं नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर चुके है और वर्तमान में भी अनेक छात्रा अध्ययनरत हैं। आप महिला अधिकारों और बेटियों के प्रति निरंतर सजग और शासकीय अस्पताल अम्बाह में पैदा होने वाली बेटियों को भी प्रतिवर्ष शारदीय और चैत्र नव दुर्गा में सामूहिक जन्मोत्सव मनाते हुए फ्रॉक खिलौने और दादी दादा माताओं को उपहार भेंट करते रहते हैं।
डॉ. सुधीर आचार्य की बेटियों के प्रति ऐसी लगन को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े ने 2016 मैं उन्हें मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की राज्य स्तरीय समिति का सदस्य बनाया और 2018 में राज्य महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा ने महिला उत्थान जागृति और सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने हेतु सम्मानित किया। डॉ. सुधीर आचार्य प्रभावी वक्ता होने के साथ-साथ युवा मोटिवेटर हैं। विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं स्कूल कॉलेजों प्रशिक्षण केंद्रों में डॉक्टर सुधीर आचार्य के हताशा निराशा और लक्ष्य से भटके हुए युवाओं, अधिकारियों, कर्मचारियों और बाल सुधार गृह जेल इत्यादि में प्रोत्साहन से ओतप्रोत पूर्णत: मोटिवेशनल लेक्चर होते हैं। सेवा कार्यो में डॉ आचार्य की टीम अधिकांश अपने स्वयं के व्यय से सेवा में जुटे हुये हैं। डॉक्टर सुधीर आचार्य के निरंतर सेवा कार्यों में उनके परिजन पत्नी डॉ.प्रगति शर्मा, फिजियोथेरेपिस्ट भाई सुशील कुमार के साथ-साथ बहुत करीबी साथी मनोज पंडित, अजय जैन, अरविन्द मावई, बालकृष्ण शर्मा, देव गुर्जर, अंकित मिश्रा, नरेश परमार, डॉ अनिल पचौरी, बिन्दुसार सिंह तोमर, शिवदत्त शर्मा, दुष्यंत तोमर, श्याम सिकरवार, बंटी गुधैनियां, महेंद्र सखवार, रामकिशोर उपाध्याय, हरिमोहन अग्रवाल, बादाम सिंह तोमर, अंकुर बांदिल, हरीश उपाध्याय आदि अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग प्रदान करते रहते हैं। समाजसेवी डॉ. सुधीर अपनी नवाचार गतिविधियों के लिए हमेशा से चर्चा के केंद्र रहे हैं, अभी पिछले वर्ष ही उन्होंने चंबल अंचल के सैकड़ों युवाओं के साथ मिलकर प्रधानमंत्री को खून से हस्ताक्षरित भावनात्क पत्र लिखा था, जिसकी देशभर के मीडिया में चर्चा और सराहना हुई थी।
डॉ. सुधीर आचार्य द्वारा भारत का पहला फैमिली आनन्द सम्मेलन इसी वर्ष सितंबर माह में भारतवर्ष का पहला फैमिली आनन्द सम्मेलन पूरी तरह स्वयं के व्यय से, आचार्य आनन्द क्लब द्वारा आयोजित करने वाले डॉक्टर सुधीर आचार्य ने परिवार और दांपत्य जीवन में बढ़ रही खटास और कड़वाहट को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाया था, जिसकी पूरे देश में चर्चा भी हुई और मध्यप्रदेश राज्य आनंद संस्थान ने इसकी भूर भूर प्रशंसा भी की। इसी तरह 2017 में मध्य प्रदेश के सक्रिय महिलाओं का राज्य स्तरीय सम्मेलन पूरी तरह से हैं स्वयं के खर्चे पर आज आयोजित किया जिसमें पहली बार चंबल की धरती पर सैकड़ों महिलाएं साफा पहन कर नारी सशक्तिकरण की हुंकार भर्ती नजर आई थीं जिसमें मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले से महिलाओं ने प्रतिभागिता की थी।
डॉ.सुधीर आचार्य स्वास्थ्य शिक्षा पर्यावरण स्वच्छता के साथ-साथ लोक संस्कृति और परंपराओं के पुनरुत्थान के लिए भी जाने जाते हैं उनके द्वारा विभिन्न लोक साहित्य के संरक्षण के लिए सम्मेलन और लोक परंपरा के झैंझी टेशु के भव्य विवाह आयोजित किए जाते रहे हैं। डॉ.आचार्य के द्वारा एक और नवाचार चर्चा का केंद्र बना हुआ है जिसमें वह भारत राष्ट्र के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाले वीर सपूतों ,संत महात्मा बलिदानियों का सामूहिक श्राद्ध आयोजित करते हैं। साथ ही पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की स्मृति में विगत 20 वर्षों से उनके बलिदान दिवस पर तिरंगा मार्च पदयात्रा आदि का आयोजन भी करते आ रहे हैं। प्राकृतिक आपदा बाढ़ अग्नि भूकंप आदि के प्रभावित लोगों की समय समय पर मदद करना और सामान उपलब्ध कराना भी उनके और साथियों द्वारा लगातार किया जाता रहा है। हाल ही में चंबल में आई भीषण बाढ़ मैं भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मैं भी डॉक्टर सुधीर आचार्य और उनकी टीम द्वारा निरंतर सहायता पहुंचाई जाती रही है। प्रति वर्ष सर्दियों में डॉ आचार्य द्वारा अपने पिताजी की स्मृति में गर्म कंबल का वितरण किया जाता है छोटे छोटे नन्हे मुन्ने बच्चों को गर्म स्वेटर वितरित किए जाते हैं।
डॉ. सुधीर आचार्य सेवा कार्यों के साथ-साथ साहित्यिक गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं आपके द्वारा अब तक 1 दर्जन से अधिक किताबों का संपादन और आधा दर्जन किताबों का लेखन किया जा चुका है वर्तमान में उनका कविता संग्रह अंतस के बोल ,उपन्यास ऑल इन वन एवं चंबल की लोक गाथाएं, और लोक नाट्य परंपरा प्रकाशाधीन हैं। डॉ. आचार्य की कविताएं आकाशवाणी के साथ-साथ दूरदर्शन से भी प्रसारित होती रही है डॉ आचार्य आकाशवाणी ग्वालियर के 10 वर्षों तक लगातार वार्ताकार और प्रस्तोता रहे हैं। वह समाजसेवी संस्थाओं अभिनव क्लब, संजीवनी, आचार्य आनन्द क्लब मुरैना, रोटरी क्लब जैसी संस्थाओं के संस्थापक अध्यक्ष एवं 1 दर्जन से अधिक समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी हैं। समाज सेवा और साहित्य के क्षेत्र में उन्हें दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं। सामाजिक सांस्कृतिक साहित्यिक और राजनीतिक मंच के सफल संयोजक और उत्कृष्ट मंच संचालक हैं। वर्तमान में मुरैना की गजक के 100 वर्ष पूर्ण होने पर गजक मीठोत्सव के आयोजन में विशेष भूमिका के साथ संयोजन संचालन के लिए डॉ आचार्य विशेष चर्चा में है।