ग्रीष्म ऋतु में मूंग उपजाकर रामजीलाल ने कमाये 1 लाख से अधिक रूपये 


खुशियों की दास्तां: 
डीडी शाक्यवार
मुरैना। मुरैना विकासखण्ड के ग्राम रसीलपुर निवासी रामजीलाल पुत्र रामचरन बताया कि प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत ग्रीष्मकालीन मूंग का बीज कलस्टर प्रदर्शन कृषि विभाग द्वारा मुझे उपलब्ध कराया। जो मेरे जीवन में वरदान बन गया। पहली वर्ष में ही मैंने ग्रीष्म ऋतु में मूंग की खेती अपनाकर एक लाख 10  हजार रूपये की बचत की है। यह सब प्रदेश की एनएफएसएम योजना के तहत मेरे लिये साकार हुआ।   
रसीलपुर निवासी रामजीलाल ने बताया कि प्रतिवर्ष परंपरागत बाजरा, सरसों की खेती लेने के बाद, गर्मियों में भूमि खाली प$डी रहती थी। तीसरी फसल लेने के लिये कोई तकनीकी ज्ञान नहीं था, किन्तु कृषि विभाग के एसएडीओ कृषि रविन्द्र सिंह तोमर ने ग्रीष्म ऋतु में मूंग की खेती करने की सलाह दी। मैंने अगले दिन एसएडीओ कार्यालय पहुंचकर आधार कार्ड, बैंक पास और खेती रकबे की फोटो प्रति जमा की और ग्रीष्म ऋतु में उगाई जाने वाली मूंग के बीज के लिये 7 हजार रूपये जमा करा लिये। राशि जमा होने के बाद मुझे दवा छि$डकने का पम्प, दीवाई एवं मूंग का बीज प्रदान किया गया। मूंग को मेरे द्वारा ग्रीष्म ऋतु में 10 बीघा खेत में बोया गया। जो मात्र 3 माह में खेत से मुझे 22 क्विंटल मूंग की उपज प्राप्त हुई। जिसे मैंने 5 हजार के मान से 1 लाख 10 हजार रूपये की 22 क्विंटल मूंग बाजार में बेची। कुछ समय बाद मेरे द्वारा ७ हजार रूपये जमा किये गये थे। जिसमें से मुझे ७ हजार रूपये शासन द्वारा मेरे खाते में कुछ समय बाद वापस कर दिये, तो मुझे मूंग, दवाई एवं पम्प नि:शुल्क प्राप्त हुआ। परंपरागत खेती को अपनाने के बाद ग्रीष्म ऋतु में मात्र ३ माह में एक लाख १० हजार रूपये की अतिरिक्त आय मुझे प्राप्त हुई। इसमें से मैंने अपने परिवार के अन्य खर्चे एवं शादी-विवाह में खर्च किये। प्रदेश सरकार की  एन.एफ.एस.एम. योजना ने अतिरिक्त लाभ का जरिया मुझे दिया है। हमारे परिवार में आय का स्त्रोत ब$ढने से खुशियों की किलकारियां दौ$ड रहीं है। 


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