4 पॉजिटिव आए, एक्टिव केस हुए 33, अब नियम रखे ताक पर

-प्रशासन की लापरवाही पढ़ सकती है भारी-

मुरैना। जैसे-जैसे लॉक डाउन में छूट बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने से अब आम जनमानस चिंतित होने लगा है तथा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को आगामी भविष्य का बड़ा खतरा मानकर चल रहा है। शुक्रवार की देर रात स्वास्थ विभाग मुरैना को प्राप्त रिपोर्ट में 4 पॉजिटिव नए मरीज मिले हैं जिनमें तीन मुरैना और एक पोरसा का है, इन पॉजिटिव में एक 3 साल का बच्चा भी शामिल बताया जा रहा है। शहर में सोशल डिस्टेंसिंग का नियम हवा हवाई हो गया है तथा नाश्ते की दुकानों पर खुलेआम इसकी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यही नहीं बैंक, ग्राहक सेवा केंद्र सहित अशासकीय दफ्तरों पर सोशल डिस्टेंसिंग खानापूर्ति बन चुकी है।
बीती रात प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार टोटल कोरोना संक्रमित जिला अस्पताल में 89 मरीज थे, जिनमें से 60 मरीजों को छुट्टी दे दी गई और 29 एक्टिव केस रह गए थे, लेकिन देर रात को मिली रिपोर्ट में 4 नए पॉजिटिव मरीज आने से यह संख्या फिर से 33 पर पहुंच गई है, इनमें वार्ड क्रमांक 15 के तीन नए मामले शामिल हैं, जिनमें एक 3 साल का बच्चा भी है, वहीं एक पोरसा का बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जब कोरोना संक्रमण का आगाज हुआ था और प्रथम लॉकडाउन, द्वितीय लॉक डाउन तक पूर्ण रूप से इसका पालन होता रहा, परंतु जैसे ही तीसरा लॉक डाउन आरंभ हुआ तो केंद्र व राज्य सरकारों ने लॉक डाउन में तमाम छूट देना शुरू कर दी। मध्य प्रदेश सरकार ने तो इतनी अधिक छूट दे रखी है कि अब प्रशासन भी इस बीमारी को हल्के में ले रहा है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आने वाले मरीजों की ठीक से जांच भी नहीं की जा रही है और जो नियम बनाए गए थे उनका भी पालन नहीं हो रहा है, जैसे कि पूर्व में कोरोना संक्रमित मरीज के आने की सूचना पाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम उस मरीज को तलाशते हुए घर तक पहुंच जाती थी और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पूरे वार्ड को शील्ड कर दिया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। वर्तमान में जिस गली मैं पॉजिटिव पाया जाता है उस गली में कुछ ही क्षेत्र को कंटेनमेंट जॉन बनाकर बंद कर दिया जाता है। अब प्रशासन द्वारा कोविड-19 को तलाशना तो दूर, जो लोग स्वयं अस्पताल पहुंच रहे हैं तब भी उन्हें कोई नहीं देख रहा है। सूत्र बताते हैं कि जिला अस्पताल में जो मरीज स्वयं जांच कराने पहुंच रहे हैं, उनकी भी जांच पड़ताल स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठीक से नहीं की जा रही है, ऐसी तमाम शिकायतें लोग एक दूसरे को बता रहे हैं। लोगों में इस बात की चर्चा है कि उप चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉक डाउन में छूट देकर जिला प्रशासन को भी ज्यादा सख्ती न बरतने के लिए बोल दिया है। वर्तमान में शहर के बाजारों में जिस तरह से लोग निकल रहे हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि लोग कोरोना का खौफ अपने दिमाग से निकाल चुके हैं और नियमों को शिथिल कर दिया गया है, जो लोग स्वयं बचना चाह रहे हैं वही नियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग की इस बड़ी लापरवाही के कारण आम जनमानस चिंतित और सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

दोषियों के खिलाफ हो कार्यवाही

जनसंपर्क के दैरान रघुराज सिंह कंषाना जी का ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत

एच आई वी संक्रमित व्यक्तियों के साथ करें प्यार ओर सम्मान का व्यवहार-संदीप सेंगर