आयुष चिकित्सा अधिकारी कोरोना विशेष योद्घा के रूप में निभा रहे अपना दायित्व
(कहानी सच्ची है)
डी.डी.शाक्यवार,
संयुक्त संचालक, जनसम्पर्क मुरैना
मुरैना। जिला चिकित्सालय मुरैना में आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. जगदीश सिंह टेगौर विकलांग होने के बावजूद भी कंटेनमेंट एरिया में रात-दिन एक करके अपनी सेवायें कोरोना विशेष योद्घा के रूप में दे रहे है। डॉ. टेगौर ने बताया कि कोरोना महामारी हमारे देश में चिकित्सकों के लिये चुनौती के रूप में मिली है। इस बीमारी को स्वास्थ्य अमला भगाकर ही दम लेगा, चाहे इसके लिये 16 से 18 घंटे ड्यूटी क्यों न करना प$डे।
आयुष अधिकारी डॉ. टेगौर ने बताया कि 24 मार्च से संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद मध्यप्रदेश राजस्थान बॉर्डर अल्लावेली पर हजारों की संख्या में मजदूर पैदल चलकर अपने घर आ रहे थे। सरकार ने निर्णय लिया कि आने वाले सभी मजदूर अपने भाई है, उनकी थर्मल स्क्रीनिंग होनी चाहिये। मेरे द्वारा अल्लोवली चैक पॉइंट पर करीबन 20 हजार मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग रात-दिन रहकर की गई। इसके बाद जिले में कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या आने लगी तो मुझे निगम के अन्तर्गत कंटेनमेट एरिया वार्ड क्रमांक 35, 36, 37, 38, 39 और 40 की जिम्मेदारी दी गई, जिसमें जहां कोरोना पॉजीटिव आने पर मुझे पॉइन्ट मिलता, मैं पूरी टीम के साथ इन वार्डों में निवासरत लोंगो की थर्मल स्क्रींिनग करता रहा हूं। 99.5 से ऊपर तापमान आने तथा ट्रेवल हिस्ट्री पूछने पर आईसोलेट करने की सलाह एवं सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार आने पर जिला चिकित्सालय में सैम्पलिंग कराने का कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी लगातार दिन रात मेहनत करेंगे तभी हम कोरोना को हराकर गहरी सांस ले पायेंगे। जिले के लोंगो की माथे पर चिन्ता की लकीर दिख रही है, उसे दिखने नहीं देंखे, यह हम सब स्वास्थ्य कर्मियों का वादा है।