मशाल जुलूस व झंडा फहरा कर मनाया सीटू का 50 वा स्थापना दिवस
कैलारस/सबलगढ़। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) का गठन भारत के मजदूर आंदोलन के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ है। यह उदगाार सीटू के 50 वे स्थापना दिवस 30 मई पर झंडा वंदन करते हुए सीटू के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र सिंह तोमर ने दियेे। उन्होंने कहा कि देश में सीटू ने मजदूर आंदोलन को एक नई दिशा दी है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर विभिन्न संस्थानों में यूनियनों की पहचान यूनियन के नेताओं के नाम से हुआ करती थी। सीटू के गठन के बाद देश में यूनियन कर्मचारी व श्रमिकों के संगठन के रूप में होने लगी, यह देश में सीटू की स्थापना से ही संभव हुआ है। इसके अलावा विशुद्ध अर्थवाद में फंसे हुए मजदूर आन्दोलन को एक नई चेतना व दिशा देश में सीटू ने ही दी है। हमें इसे और मजबूत करने का संकल्प लेना है। इस मौके पर सीटू के वरिष्ठ नेता गण उपस्थित रहे। स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर कैलारस व सबलगढ नगर में मशालें जलाई गई। सबलगढ़ में सीटू का झंडा मजदूर नेता फरीद खान ने फहराया। इस मौके पर वरिष्ठ नेता गण इसरायल खाँ, काशीराम गोड, लतीफ खां आदि उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर आज के दौर में जिसमें काम के घंटे बढ़ाकर 8 से 12 किए जा रहे हैं, श्रम कानूनों को समाप्त किया जा रहा है, संगठित क्षेत्र में नौकरियां समाप्त की जा रही है, प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में सीटू की प्रासंगिकता और ज्यादा बढ जाती है। नेता गणों ने खासतौर से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को संगठित करने और उन के जीवन स्तर को बदलने के लिए व्यवस्था परिवर्तन के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प लेने का आग्रह किया। देश में सभी श्रम संगठनों को एक करने की दिशा में भी सीटू को महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी है तथा इस मार्ग को और आगे ले जाना है। इस मौके पर किसान नेता अशोक तिवारी, गया राम सिंह धाकड़, मुरारी लाल धाकड़, महेश प्रजापति, कन्हैया लाल आदि ने सीटू नेताओं को स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं प्रेषित की है।