चंबल कमिश्नर ने श्योपुर के लेखापाल को दिया कारण बताओ नोटिस
मुरैना/ अपने पदीय कर्तव्यों में उदासीनता एवं कार्य में अनियमितताओं के आरोप में लेखापाल कार्यालय जिला शिक्षाधिकारी जिला श्योपुर के शैलेन्द्र कुमार शर्मा को चंबल संभाग के कमिश्नर श्री रबीन्द्र कुमार मिश्रा ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
कमिश्नर श्री मिश्रा ने आदेश में अवगत कराया है कि श्री शैलेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा अपनी पत्नी श्रीमती किशोरी शर्मा जो आदिम जाति कल्याण विभाग में शा.प्रा.वि. हीरापुर में शिक्षाकर्मी 03 के पद पर पदस्थ थी, को नियम विरूद्ध तरीके से शिक्षा विभाग में अवैध तरीके से स्थानांतरण करा लिया जिसके उपरांत संबंधित अधिकारी के संज्ञान मे मामला आते ही उक्त आदेश की प्रतिलिपि में यह उल्लेख किया गया कि उक्त स्थानांतरण आदेश का पालन नही किया जावे तथा इस हेतु संचालनालय से मार्गदर्शन चाहा जाकर मामले को ठण्डे बस्ते में डलवा दिये जाने इसी के अतिरिक्त आपकी नियुक्ति अशासकीय हजारेश्वर विद्यालय के अपात्र 103 कर्मचारियों में से एक के रूप में होने जो कि शासन के आदेश के पालन में जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर के आदेश 6 अप्रेल 2009 से सेवा से पृथक हो जाने के पश्चात भी आपको लेखापाल के पद पर पदोन्नति, 20 वर्ष की सेवा पूरी करने से प्राप्त वरिष्ठ वेतनमान का लाभ इत्यादि लाभ प्राप्त होने तथा अशासकीय हजारेश्वर विद्यालय के संबंध में प्रकरण न्यायालय में प्रचलित होने के फलस्वरूप स्वयं ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में न्यायालयीन कार्य किये जाने के क्रम में उक्त हेतु शासन पक्ष कमजोर रखे जाने एवं श्री बी.एल. शर्मा, जो कि व्याख्याता के पद से डाईट श्योपुर से सेवानिवृत्त हुये थे, की अंक सूची में अंकसूची कूटरचित होने के क्रम में उनके विरूद्ध जालसाजी के तहत संबंधित पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के उपरांत भी कोई कार्यवाही न किये जाने तथा कार्यालयीन अभिलेखों में भी हेरा-फेरी किये जाने का उल्लेख किया गया है। जो पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही एवं उदासीनता की परिधि में आता है, जो एक लोक सेवक के पद के अपेक्षित आचरण के विपरीत होकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1) (2) व (3) का स्पष्ट उल्लंघन है।
कमिश्नर श्री मिश्रा ने लेखापाल कार्यालय जिला शिक्षाधिकारी जिला श्योपुर के शैलेन्द्र कुमार शर्मा से 07 दिवस के अंदर कारण बताओ नोटिस का जबाव चाहा है। जबाव नहीं आने पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत एक पक्षीय कार्रवाही की जायेगी।