नवीन दतमजच योजना से गतिशील होंगे मुरैना की आजीविका मिशन के समूह

मुरैना/ मुरैना जिले में आजीविका मिशन द्वारा 3800 से ज्यादा समूहों का गठन किया गया है। इन्हें प्रशिक्षित करते हुए क्षमता वर्धन का कार्य किया जा रहा है। इन समूहों को अब छम्ज्च् योजना के तहत कृषि, गैर कृषि गतिविधियों के तहत तकनीकी व उत्पादों को वेल्यू एडिशन कर उन्हें स्थानीय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उत्पादों के रूप में स्थापित करने के काम में नियोजित किया जाएगा। अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि सरसों उत्पादों में कच्ची घानी तेल, खली व बायोफ्यूल ,मधु मक्खी पालन, शहद के उत्पादों को बाजार में स्थापित किया जा सकता है, जो मुरैना के ग्रामीण उद्यमियों को तकनीकी, व्यवहारिक कौशल व वित्त पोषित भी करेगा। 
       भारत सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से वित्त पोषित व मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिला पंचायत मुरैना द्वारा मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालन जुलाई 2017 से समस्त विकासखंडों में सघन रूप से किया जा रहा है। यह जिला पंचायत मुरैना के समस्त 7 विकासखंडों में संचालित है। मिशन का उद्देश्य जिले में समस्त सामाजिक आर्थिक वर्गीकृत (ैम्ब्ब्) सूची व वास्तविक रूप से कमजोर परिवारों का संस्थागत रूप से आर्थिक व सामाजिक रूप से सतत संवहनीय आजीविका उपलब्ध करवाना है। अभी तक कुल 4000 से अधिक परिवारों के 3960 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। कुल 206 ग्राम संगठन व 7 संकुल स्तरीय संगठन भी गठित है। इनमें से 1200 से अधिक को सामुदायिक निधि व बैंक शाखसीमा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। 
 विगत मार्च 2020 से ही आजीविका मिशन की दीदियों के द्वारा सामाजिक जनजागरूकता के साथ ही कुल 4930000 जिसकी कुल कीमत प्रति मास्क 10 रुपये मास्क विक्रय कर लगभग 49 लाख रुपये तथा 4500 लीटर ,सेनिटाइजर, वाश उत्पादों को गुणवत्तापूर्ण व सामान्य कीमत में ग्रामो में उपलब्ध करवा कर अत्यंत ही अद्भुत कार्य किया जा रहा है।
      इसी कड़ी में ग्राम स्तर पर सिलाई कार्य मे पूर्व से ही संचालित दीदी गारमेंट्स जो कि ग्रामीण समूहों के द्वारा सिलाई के कार्य मे सलंग्न दीदियों का ही एक व्यवसायिक उपक्रम है, जिसके द्वारा अब स्कूल में सिलाई का कार्य भी किया जाएगा। जिसमे लगभग 3.70 लाख गणवेश की सिलाई की जाएगी। इससे कुल 1200 से अधिक दीदियों को रोजगार मिलेगा। आजीविका मिशन को गति देने के इसी क्रम में छत्म्ज्च् (छंजपवदंस त्नतंस जतंउेवितउपदह चतवरमबज) यह भारत सरकार के ही पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की एक महत्त्वकांक्षी योजना है, जिसके द्वारा आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों के परिवारों को आजीविका के लिये उपलब्ध संसाधनों का बेहतर प्रबन्धन कर आर्थिक व्यवसायिक गतिविधियों के रूप को सुदृढ़ता के साथ विकसित किया जाता है। इस परियोजना में कृषि आजीविका (फार्म लाइवलीहुड) हेतु जो कार्य प्रस्तावित है वे निम्नानुसार है- 
 1. प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज को प्रोत्साहन छत्म्ज्च् के अंतर्गत जिले में प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज को प्रोत्साहित किया जावेगा। जिनमें 8000-10000 महिला कृषक (स्व सहायता समूह सदस्य) होंगे एवं 20-30 करोड़ का कारोबार 3 साल बाद होगा। प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज के बिजनेस प्लान के  आधार पर छत्म्ज्च् से राशी उपलब्ध कराई जावेगी।
प्रोड्यूसर ग्रुप को प्रोत्साहन
 महिला स्व सहायता समूह के वे महिला कृषकों का समूह जो स्वयं कृषि कार्य में संलग्न है एवं कम उपज होने का कारण स्थानीय स्तर पर अनाज आदि का विपणन करते है। ऐसे समूह सदस्यों को ग्राम स्तर पर अधोसंरचना (तराजू, तिरपाल, बोरा, केरेटे आदि) अंतर्गत राशी 1.5 लाख तक उपलब्ध होगी एवम् स्थानीय स्तर पर (अनाज, तिलहन, दलहन आदि) क्रय करने हेतु कार्यशील पूंजी भी उपलब्ध कराई जावेगी ताकि प्रोड्यूसर ग्रुप अपना व्यवसाय प्रारंभ कर सके। प्रोड्यूसर ग्रुप प्रत्येक साप्ताहिक हाट बाजार में विक्रय कर लाभ कमा सकता है।
प्रोड्यूसर ग्रुप निर्माण के लाभ
 समूह सदस्यों को कम मूल्य पर छोटे व्यापारी को उपज नहीं बैंचनी पड़ेगी। उपज एकत्र की जाकर मात्रा अधिक होने से मूल्य भी अधिक प्राप्त होगा। स्थानीय उद्यमी तैयार होंगे।
जैविक क्लस्टर को प्रोत्साहन 
 मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 25 जिलों के 74 विकासखंडों में 326 जैविक क्लस्टर का चिन्हांकन किया जाकर भारत सरकार को प्रेषित किया जा चुका है। इन्हीं चयनित क्लस्टर में से 100 क्लस्टर छत्म्ज्च् अंतर्गत लिए जावेंगे। जैविक क्लस्टर के प्रोत्साहन हेतु विकासखंड प्रबंधक - (जैविक) एवं प्रत्येक 2 क्लस्टर पर एक क्लस्टर  कोऑर्डिनेटर - (जैविक) रखे जाने के साथ कृषि सखी - जैविक के मानदेय भी दिए जाने का प्रावधान है। 
कार्यान्वयन नीति प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज 
  भारत सरकार द्वारा चयनित टंसनम ब्ींपद  परियोजना के कार्यान्वयन में अनुभवी संस्थाओं को परियोजना निर्माण, जमबीदपबंस ेनचचवतज हेतु आमंत्रित किया जाकर उपयुक्त संस्था के साथ अनुबंध किया जावेगा। प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज का गठन, बिजनेस प्लान का निर्माण, विपणन में सहयोग, तकनीकी प्रशिक्षण आदि का कार्य ज्ै। द्वारा किया जाएगा।
ज्ै।  को प्रदाय की जाने वाली राशि परियोजना का हिस्सा होगी
 प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज का कार्य क्षेत्र छत्म्ज्च् जिलों के अतिरिक्त भी लिया जा सकता है। प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज स्वयं अपने कर्मचारी अपने पे रोल पर नियुक्त करेगी। छत्म्ज्च् अंतर्गत चयनित और जहां पूर्णकालिक स्टाफ फार्म लाइवलीहुड हेतु पदस्थ हो उन्ही विकासखंडों में प्रोड्यूसर ग्रुप को प्रोत्साहित किया जावेगा। कृषि सखी को पात्रता अनुसार उद्योग सखी के रूप में विकसित किया जाएगा। विकासखंड स्टाफ एवम् उद्योग सखी द्वारा प्रोड्यूसर ग्रुप को बिजनेस प्लान तैयार करने में मदद की जावेगी। छत्म्ज्च् अंतर्गत प्रथम 2 वर्षों में उद्योग सखी की मानदेय दिया जावेगी क्रमशः 2000 एवं अगले वर्ष 1000, तृतीय वर्ष से प्रोड्यूसर ग्रुप हो होने वाले लाभ से उद्योग सखी को मानदेय प्राप्त होगा।
राशी हस्तांतरण 
 ज्ै। द्वारा तैयार बिजनेस प्लान का ैत्स्ड द्वारा परीक्षण उपरांत भारत सरकार की म्Ûमबनजपअम ब्वउउपजजमम द्वारा स्वीकृत किया जाकर राशी एसआरएलएम द्वारा जारी की जावेगी। ैत्स्ड द्वारा राशी सीधे प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज को जारी की जावेगी। ैत्स्ड द्वारा राशी जिले के माध्यम से सम्बन्धित ब्स्थ् को जारी की जावेगी। ब्स्थ् द्वारा राशी सीधे प्रोड्यूसर ग्रुप को जारी की जाएगी। राशी ब्स्थ् को अनुदान के रूप में होगी परन्तु प्रोड्यूसर ग्रुप को 7 प्रतिशत तक वार्षिक ब्याज पर जमतउ सवंद  के रूप में दी जाएगी। प्रत्येक टर्म समाप्ति उपरांत प्रोड्यूसर ग्रुप द्वारा लोन राशी मय ब्याज ब्स्थ् को वापस की जावेगी। ब्स्थ् द्वारा रिपेमेंट के आधार पर नवीन टर्म लोन प्रोड्यूसर ग्रुप को प्रदाय किया जाएगा। समस्त परिसंपत्ति ब्स्थ् की होंगी जिसे प्रोड्यूसर ग्रुप को उपयोग हेतु प्रदाय किया जाएगा। परियोजना पूर्व ैत्स्ड द्वारा किए जाने वाले कार्य। जिले, विकासखंड एवं ग्रामो का चिन्हांकन, प्रोड्यूसर एंटरप्राइजेज हेतु ज्ै। का चिन्हांकन, राज्य, विकासखंड, क्लस्टर स्टाफ की नियुक्ति, स्टाफ का उन्मुखीकरण, कृषि सखी का चिन्हांकन जिन्हे उद्योग सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसी परिप्रेक्ष्य में जिला मुरैना द्वारा अभी तक निम्न कार्य किये गए है
छत्म्ज्च् में आजीविका मिशन जिला पंचायत मुरैना
 इस परियोजना का वित्त पोषण विश्व बैंक द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में इसमे 16 जिले थे जिसमे तत्काल में ही मुरैना जिले को भी जोड़ा गया है अतः यह परियोजना अब मप्र के 17 जिलों में संचालित होगी। इस परियोजना के अंतर्गत मुरैना जिले में बाजरा व सरसो की फसलों कृषि क्रिया इसकी फसलों को व्यवसायिकता के आधार पर वैज्ञानिक विधि के तहत संतुलित आदान प्रदान व स्थानीय मानव संसाधनों को  तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है। इसी कढ़ी में मुरैना जिले के 01 ग्राम का सर्वे भी किया है जहां से सरसो की फसल व सरसो से निर्मित उत्पादों हेतू कार्य पक्रिया में है इसके लिये वर्तमान में सरसों का तेल ,खली व सरसो के वेस्टेज (सरसो की तुरी) से बायोफ्यूल बनाना । वहीं सरसो के फ्लोरा से मधुमक्खीपालको का भी अध्यनन किया जा रहा है। इस हेतु इन विभिन्न गतिविधियों के लिये मुख्यतः उत्पादक संघ भी बनाये जा रहे है। इन उत्पादकों समूहों के अंतर्गत कुछ अध्यनन भी किये गए है जिनके प्रति इकाई समंक आये है जो इस प्रकार है ऐसे ही अध्यन्नो के द्वारा दतमजच के द्वारा इनकी वर्तमान आय जो 4000 से 5000 रुपये  पारम्परिक संसाधनों से संचालित व्यवसायों से है। इन व्यवसायियों को लगभग प्रतिमाह 10000 से 15000 मासिक आय प्रदान करवाने का लक्ष्य है। दतमजच के रूप में मुरैना जिले पंचायत सरसों व मधुपालन के व्यवसाय में आत्मनिर्भर मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा। 


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