जब तक किसान आत्मनिर्भर नहीं बन सकता, तब तक भारत आत्मनिर्भर संभव नहीं - सहकारिता मंत्री भदोरिया

   


प्रदेश सरकार सर्वहारा वर्ग के लिये कृतसंकल्पित - राज्यमंत्री डण्डोतिया   


मुरैना 26 सितम्बर 2020/ प्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि जब तक हमारे देश का किसान आत्मनिर्भर नहीं होगा, तब तक गांव, जिला, प्रदेश वे देश ’’आत्मनिर्भर भारत’’ संभव नहीं। उन्होंने कहा कि हमें अपने अन्नदाता किसान, मजदूर, माता-बहनें, व्यक्ति, नौजवान को आत्मनिर्भर बनाना होगा। तभी हमारा गांव, जिला, प्रदेश और देश आत्मनिर्भर बन सकता है। इसके लिये केन्द्र व प्रदेश सरकार प्रयत्नशील है। गांव गरीब किसान की तरक्की के लिये हमारी सरकार अनेकों योजनायें संचालित कर रही है कि किसी तरह देश व किसान आत्मनिर्भर बन सके। इसके लिये प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को 1 साल में दो-दो हजार के मान से 6 हजार रूपये देने का कार्य किया है। ठीक उसी तर्ज पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा आज भोपाल से मध्यप्रदेश के 1.75 लाख किसानों के खातों में 2-2 हजार के मान से सम्मान निधि एक क्लिक से डाली है। प्रधानमंत्री की सोच है कि हमारा किसान उन्नती करें, आत्मनिर्भर बनेें। 2022 तक किसान की आय दोगुनी हो। तभी हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा और तभी हम आत्मनिर्भर भारत कहलायेंगे। यह बात उन्होंने अंबाह विकासखण्ड के मुख्यालय पर कृषक सहकारी सम्मेलन विधानसभा क्षेत्र अंबाह-दिमनी के कृषकों को संबोधित करते हुये कही। इस अवसर पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्यमंत्री श्री गिर्राज डण्डोतिया, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री योगेश पाल गुप्ता, पूर्व विधायक श्री कमलेश जाटव, श्री शिवमंगल सिंह तोमर, समाजसेवी श्रीमती कंचन चैहान, श्री प्यारे सिंह तोमर, संयुक्त आयुक्त सहकारिता श्री अरविन्द सिंह सेंगर, उपायुक्त सहकारिता श्रीमती अनुभा सूद सहित बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।  


 सहकारिता मंत्री श्री अरविन्द भदौरिया ने कहा कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें, जो किसानों की प्राथमिक ऋण आवश्यकतायें को पूरा करती है। सहकारी संस्थाओं को बहुसेवा केन्द्रों के परिवर्तित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि वे अपने व्यापार में विविधता ला सकें और एक छत के नीचे अपने सदस्यों की आवश्यकतायें पूरी कर सकें। सहकारी संस्थाओं की कायापटल करने के लिये नावार्ड द्वारा कई पहल किये है। सहकारी संस्थायें आत्मनिर्भर संस्था बन सकें आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा सेन्ट्रल सेक्टर स्कीम के तहत 1 लाख करोड़ का कृषि अधौसंरचना कोष सृजित किया गया है। जिसमें कृषि एवं अनुशांसिक गतिविधियों को सम्मानित कर फसल उत्पादन उपरांत पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन अधौसंरचना विकसित किया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिये प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें, विपणन संस्थायें एवं अन्य संस्थाओं का चयन किया गया है।  


 मंत्री श्री भदौरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पशुपालक एवं मत्स्य पालक हितग्राहियों को केसीसी वितरण एवं कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने हेतु सहकारी बैंको, सहकारी समितियों को 800 करोड़ रूपये की शासकीय सहायता प्रदाय की गई है। जिसमें सबकों ’’साख-सबका विकास’’ संभव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 63 हजार 96 कृषकों के केसीसी में 335 करोड़ रूपये की साख सीमा स्वीकृत की गई है। स्वीकृत साख सीमा से 35 हजार 532 कृषकों को 120 करोड़ रूपये का फसल ऋण वितरण होगा। दुग्ध सहकारी समितियों से संबंध पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड वितरण किये जायेंगे। मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों को मछली पालन के लिये क्रेडिट कार्ड उपलब्ध होंगे। 


 सहकारिता मंत्री श्री भदौरिया ने कहा कि हर व्यक्ति की उन्नति एवं विकास के लिये प्रधानमंत्री ने जनधन खाते खुलवाये। जिसमें प्रदेश सरकार की किसी भी योजना का एक भी रूपया हितग्राही को देना होता है तो वह राशि सीधे उसके खाते में डाली जाती है। अब बिचैलियों का उस राशि पर कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं की राशि किसान के खातें में डाली जा रही है। अब यह राशि किसान को सीधे प्राप्त होगी और नौजवानों को नये-नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि वह राशि भी खातों में पहुंचेगी। इससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा और जब तक किसान, नौजवान, माता-बहनों को पर्याप्त रोजगार के साधन मिलेंगे। तभी हमारा गांव, जिला, प्रदेश व देश आत्मनिर्भर बनेगा।   


 किसान कल्याण एवं कृषि विकास राज्यमंत्री श्री गिर्राज डण्डोतिया ने कहा कि प्रदेश सरकार सर्वहारा वर्ग की हितेषी सरकार है। जिसने हर गांव, गरीब, किसान की चिंता की है। समस्त विभागों में कई प्रकार की योजनायें संचालित की है। सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि व्यक्ति के लिये अन्न सबसे महत्वपूर्ण है। हर गरीब को अनाज की जरूरत होती है। इसलिये प्रदेश सरकार ने 37 लाख लोंगो को पात्रता पर्ची जनरेट कराकर उन्हें उपलब्ध कराई है। जिससे उनको समय पर राशन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि जैसे अनेक उदाहरण मैं बता सकता हूं। जिससे हमारा ही नहीं हमारे किसान का उत्थान होगा और हमारा किसान आत्मनिर्भर बनेगा। 


 कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पूर्व विधायक श्री कमलेश जाटव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। जिसमें उन्होंने पिछले 15 माह की सरकार के द्वारा विकास कार्य के आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं दिया। 


 कार्यक्रम के पूर्व उपायुक्त सहकारिता श्रीमती अनुभा सुद ने विभाग द्वारा की गई गतिविधियों आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुरैना जिले में 89 एवं श्योपुर जिले में 47 कुल 137 संस्थायें कार्यरत होना बताया।  


राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये संभाग स्तर पर सेल गठित 


राजस्व प्रकरणों के निराकरण की शुरूआत आज से होगी 


मुरैना 26 सितम्बर 2020/चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आरके मिश्रा ने कहा है कि चंबल संभाग के मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले के राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये संभाग स्तर पर एक सैल गठित किया गया है। इस सैल के अध्यक्ष अतिरिक्त चंबल कमिश्नर श्री अशोक कुमार चैहान रहेंगे। सैल में अन्य राजस्व अधिकारियों को भी जोड़ा गया है। यह सैल 27 सितम्बर 2020 से राजस्व प्रकरणों के निराकरण करने की शुरूआत करेंगे।  


 राजस्व प्रकरणों के तहत नामान्तरण, सीमांकन, न्यायालयीन मामलों को छोड़कर बटवारे से संबंधित आने वाली शिकायतों का निराकरण होगा। चंबल कमिश्नर ने बताया कि कोई भी व्यक्ति राजस्व प्रकरणों के समाधान के लिये सीधे कन्ट्राॅल रूम को सूचना दे सकते है। अथवा चंबल कमिश्नर कार्यालय में गठित सैल को अपनी समस्या बता सकता है। चंबल संभाग कमिश्नर कार्यालय में कंट्राॅल रूम भी गठित किया गया है। जिसका नंबर 07532-233490 है। इसके अलावा अतिरिक्त कमिश्नर श्री अशोक चैहान के मोबाइल नम्बर 9691295342 पर भी राजस्व संबंधी समस्या को बता सकते है। इसके अलावा चंबल रेवेन्यू आॅफीसर्स का गुप बनाया है। चंबल कमिश्नर ने बताया कि राजस्व समस्या संबंधी आवेदन लेने, निराकरण करने तथा निराकरण के लिये शेष रहे प्रकरणों की जानकारी के लिये पत्रक निर्धारित कर लिये गये है। इसकी जानकारी प्रतिदिन जनसामान्य के लिये उपलब्ध रहेगी। 


सहकारिता के बगैर आत्मनिर्भरता संभव नहीं - सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया 



मुरैना 25 सितम्बर 2020/ प्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा किदेश की मूल आत्मा सहकारिता है। सहकारिता के बगैर आत्मनिर्भता संभव नहीं। मंत्री श्री भदौरिया शनिवार को कृषि उपज मंडी मुरैना में आत्मनिर्भर भारत कृषक सहकारी सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। सम्मेलन में मुरैना, सुमावली, जौरा के किसान मौजूद थे। इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री गिर्राज डण्डोतिया, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री योगेशपाल गुप्ता, पूर्व विधायक श्री रघुराज कंषाना, श्री शिवमंगल सिंह तोमर, श्री मंुशी लाल, समाजसेवी श्री केदार सिंह, श्री उदयवीर सिंह, श्री हमीर सिंह उपस्थित थे।        


 कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मंत्री श्री अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि जब तक हमारे देश का किसान आत्मनिर्भर नहीं होगा, तब तक गांव, जिला, प्रदेश वे देश ’’आत्मनिर्भर भारत’’ संभव नहीं। उन्होंने कहा कि हमें अपने अन्नदाता किसान, मजदूर, माता-बहनें, व्यक्ति, नौजवान को आत्मनिर्भर बनाना होगा। तभी हमारा गांव, जिला, प्रदेश और देश आत्मनिर्भर बन सकता है। इसके लिये केन्द्र व प्रदेश सरकार प्रयत्नशील है। गांव गरीब किसान की तरक्की के लिये हमारी सरकार अनेकों योजनायें संचालित कर रही है कि किसी तरह देश व किसान आत्मनिर्भर बन सके। इसके लिये प्रधानमंत्री सम्मान निधी किसानों को 1 साल में दो-दो हजार के मान से 6 हजार रूपये दे रही है। ठीक उसी तर्ज पर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा आज भोपाल से मध्यप्रदेश के 1.75 लाख किसानों के खातों में 2-2 हजार के मान से सम्मान निधि एक क्लिक से उनके खातों में डाली है। प्रधानमंत्री की सोच है कि हमारा किसान उन्नति करें, आत्मनिर्भर बनेें। 2022 तक किसान की आय दोगुनी हो। तभी हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा और तभी हम आत्मनिर्भर भारत कहलायेंगे। 


 सहकारिता मंत्री श्री अरविन्द भदौरिया ने कहा कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें, जो किसानों की प्राथमिक ऋण आवश्यकतायें को पूरा करती है। सहकारी संस्थाओं को बहुसेवा केन्द्रों के परिवर्तित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि वे अपने व्यापार में विविधता ला सकें और एक छत के नीचे अपने सदस्यों की आवश्यकतायें पूरी कर सकें। सहकारी संस्थाओं की कायापलट करने के लिये नावार्ड द्वारा कई पहल किये है। सहकारी संस्थायें आत्मनिर्भर संस्था बन सकें आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा सेन्ट्रल सेक्टर स्कीम के तहत 1 लाख करोड़ का कृषि अधौसंरचना कोष सृजित किया गया है। जिसमें कृषि एवं अनुशांसिक गतिविधियों को सम्मानित कर फसल उत्पादन उपरांत पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन अधौसंरचना विकसित किया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिये प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें, विपणन संस्थायें एवं अन्य संस्थाओं का चयन किया गया है।  


 मंत्री श्री भदौरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पशुपालक एवं मत्स्य पालक हितग्राहियों को केसीसी वितरण एवं कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने हेतु सहकारी बैंको, सहकारी समितियों को 800 करोड़ रूपये की शासकीय सहायता प्रदाय की गई है। जिसमें सबकों ’’साख-सबका विकास’’ संभव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 63 हजार 96 कृषकों के केसीसी में 335 करोड़ रूपये की साख सीमा स्वीकृत की गई है। स्वीकृत साख सीमा से 35 हजार 532 कृषकों को 120 करोड़ रूपये का फसल ऋण वितरण होगा। दुग्ध सहकारी समितियों से संबंध पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड वितरण किये जायेंगे। मत्स्य सहकारी समितियों के सदस्यों को मछली पालन के लिये क्रेडिट कार्ड उपलब्ध होंगे।


 सहकारिता मंत्री श्री भदौरिया ने कहा कि हर व्यक्ति की उन्नति एवं विकास के लिये प्रधानमंत्री ने जनधन खाते खुलवाये। जिसमें प्रदेश सरकार की किसी भी योजना का एक भी रूपया हितग्राही को देना होता है तो वह राशि सीधे उसके खाते में डाली जाती है। अब बिचैलियों का उस राशि पर कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं की राशि किसान के खातें में डाली जा रही है। अब यह राशि किसान को सीधे प्राप्त होगी और नौजवानों को नये-नये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि वह राशि भी खातों में पहुंचेगी। इससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा और जब तक किसान, नौजवान, माता-बहनों को पर्याप्त रोजगार के साधन मिलेंगे। तभी हमारा गांव, जिला, प्रदेश व देश आत्मनिर्भर बनेगा।   


 किसान कल्याण एवं कृषि विकास राज्यमंत्री श्री गिर्राज डण्डोतिया ने कहा कि प्रदेश सरकार सर्वहारा वर्ग की हितेषी सरकार है। जिसने हर गांव, गरीब, किसान की चिंता की है। समस्त विभागों में कई प्रकार की योजनायें संचालित की है। सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि व्यक्ति के लिये अन्न सबसे महत्वपूर्ण है। हर गरीब को अनाज की जरूरत होती है। इसलिये प्रदेश सरकार ने 37 लाख लोंगो को पात्रता पर्ची जनरेट कराकर उन्हें उपलब्ध कराई है। जिससे उनको समय पर राशन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि जैसे अनेक उदाहरण मैं बता सकता हूं। जिससे हमारा ही नहीं हमारे किसान का उत्थान होगा और हमारा किसान आत्मनिर्भर बनेगा।


 कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पूर्व विधायक श्री रघुराज सिंह कंषाना ने कहा कि किसान सहकारिता आंदोलन से ही आत्मनिर्भर बन सकता है। उन्होंने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाना है, प्रधानमंत्री का मकसद है, तो प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये श्री शिवराज सिंह चैहान दिन-रात मेहनत कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश आत्मनिर्भता की ओर अग्रसर है। वे लगातार किसानों के हितों, सर्वहारा वर्गो के उत्थान के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुरैना आये मुख्यमंत्री जी 500 करोड़ रूपये के विकास कार्यो की सौगात हमें दी। उन्हांेने मुरैना में मेडीकल काॅलेज, चंबल से पानी लाने, रिठौराकलां को तहसील का दर्जा देने सहित कई घोषणायें की। उन्हांेने सहकारिता मंत्री से अपेक्षा की है कि वे सहकारिता आंदोलन से किसानों का हित संरक्षण करें। तभी प्रदेश और देश आत्मनिर्भर बन सकेंगा।   


 कार्यक्रम के पूर्व उपायुक्त सहकारिता श्रीमती अनुभा सुद ने विभाग द्वारा की गई गतिविधियों आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुरैना जिले में 89 एवं श्योपुर जिले में 47 कुल 137 संस्थायें कार्यरत होना बताया।   


केन्द्रीय स्पात राज्यमंत्री कुलस्ते शोक व्यक्त करने सुरजनपुर पहुंचे 


मुरैना 26 सितम्बर 2020/ केन्द्रीय स्पात राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते शनिवार को ग्राम सुरजनपुर पहुंचे। उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा के पिता स्व. श्री अमर सिंह डण्डोतिया के निधन पर उनके चित्र पर श्रृद्धासुमन अर्पित कर शोक व्यक्त किया। शोक व्यक्त करने के लिये शनिवार को पहुंचे। प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री अरविन्द भदौरिया, कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, हरदा के सांसद श्री नंद कुमार चैहान, गुना के सांसद श्री केपी यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रभात झा पहुंचे इन सभी ने शोक संवेदनायें व्यक्त की और स्व. श्री अमर सिंह डण्डोतिया के चित्र पर श्रृद्धासुमन अर्पित किये।   


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