राष्ट्र बचेगा तभी धर्म बचेगा: बलराम सेन
सतना l बीते मार्च 2020 से भारत में कहर बरपा रहा कोरोनावायरस आठ माह अर्थात आधा साल बीतने के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा l नेता, मंत्री, पुलिस, चिकित्सक, व्यापारी आदि कोई भी इसका शिकार होने से अपने आप को बचा नहीं पाया l इसके भय के कारण ही आज भी विद्यालयों में छात्रों का आवागमन बंद है l विद्यालय वह स्थान है जहां से छात्रों के भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है l यह बच्चे राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति है इन्हें बचाना जरूरी है l किंतु मंदिरों और चुनावी जनसभाओं में बढ़ती भीड़ कोरोनावायरस की धार को और ज्यादा तेज करने के लिए काफी है l इससे बच्चे या वयस्क सभी का जीवन खतरे में पड़ सकता है l उक्त आशय का बयान विज्ञप्ति के माध्यम से लेते हुए सेन समाज के राष्ट्रीय संगठन ऑल इंडिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अपर महासचिव बलराम सेन ने कहा है कि राष्ट्र से बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता l श्री सेन ने कहा कि जब कोरोना वायरस प्रथम चरण में था तब लॉकडाउन किया गया l अब जब पूरे शबाब पर है तब मंदिरों में चुनावी सभा में सभी जगह भीड़ बेलगाम है l उन्होंने कहा कि वर्चुअल मीटिंग हो सकती है l किसी का शुभारंभ किसी का लोकार्पण वर्चुअल हो सकता है तो फिर चुनावी जनसभाओं और मंदिरों में निज स्वार्थ के लिए जनता को बीमारी की आग में क्यों झोंका जा रहा है l श्री सेन का मानना है कि राष्ट्र की सुरक्षा से बढ़कर न तो मंदिर है न चुनाव l इन स्थानों पर बढ़ती भीड़ देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है l