किसान आंदोलन 2020:चंबल क्षेत्र से किसानों का चौथा जत्था दिल्ली के लिए रवाना

 


सबलगढ़/कैलारस। कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों को रद्द करने के लिए 27 दिन से चलाए जा रहे किसान आंदोलन ने नए आयाम स्थापित किए हैं। यह आंदोलन एक जन आंदोलन का रूप धारण कर चुका है। जिसमें लाखों की संख्या में किसान जुड़े हुए हैं। अभी हाल ही में मुंबई से भी 300 से ज्यादा वाहनों का काफिला लिए किसानों का एक जत्था दिल्ली के लिए रवाना हो गया है। इसी तरह चंबल क्षेत्र से भी लगातार किसानों के जत्थे दिल्ली के लिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुरैना जिले की सबलगढ़ व कैलारस तहसीलों के जत्थे दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। मुरैना जिले से जाने वाला किसानों का यह चौथा जत्था है। इस जत्थे का नेतृत्व मध्य प्रदेश किसान सभा के जिला महासचिव पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष एडवोकेट मुरारी लाल धाकड़ तथा किसान सभा के सहायक महासचिव ओम प्रकाश श्रीवास कर रहे हैं। इसमें पूर्व पार्षद आदिराम आर्य, शिवचरण रावत ,जसवंत यादव, पूर्व सोसायटी अध्यक्ष सुरेश धाकड़ , सियाराम सिंह , रतिराम सहित बड़ी संख्या में किसान कार्यकर्ता रवाना हुए हैं। दिल्ली में जारी पांचों बॉर्डर्स पर आंदोलन में मंडी व्यवस्था को समाप्त करने, ठेका खेती लागू करने, जमाखोरी को समाप्त करने के कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग की जा रही है। इस आंदोलन में अभी तक 34 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं । जत्थे को किसान सभा का झंडा प्रदान करते हुए मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा है कि यह आंदोलन कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा । जहां तक कानून में संशोधनों का सवाल है उन्होंने कहा कि यह तीनों कानून खेती किसानी के मृत्यु का वारंट है ,मृत्यु वारंट मैं संशोधन नहीं होते हैं। उसे पूरी तरह वापस लिया जाता है। उन्होंने कानूनों को रद्द करने की मांग पुरजोर दोहराई साथ ही लगातार आंदोलन जारी रहने की घोषणा की। पूरे देश में किसानों द्वारा विरोध कार्यवाहीयां की जा रही है ,जो लगातार जारी रहेंगी ।

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