छात्रवृत्ति, क्रीमी लेयर और गरीब वर्ग के छात्र और न्याय संगत व्यवस्था उसमें भी पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ भेदभाव देश बर्दास्त नहीं करेगा

 मुरैना। लगभग 60 हजार करोड रुपये अ जा के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिलेगी।पहले ये छात्रब्रति स्कूलों के माध्यम से दी जाती थी लेकिन अब छात्रों के खाते में सीधे डाल दी जाएगी। इसमें राष्ट्रपति जी के परिवार का भी व्यक्ति छात्र हो सकता है और कलेक्टर कमिश्नर के परिवार का भी छात्र हो सकता है।

गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों में 25% परिवार एससी एसटी के परिवारों को छोड़कर शामिल है जो सामान्य वर्ग पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के हैं। उन परिवार के बेटे बेटियों को यह छात्रवृत्ति उपलब्ध क्यों नहीं ? क्या गरीबी किसी जाति की बपौती है या एकाधिकार या विशेषाधिकार है ? संविधान में गरीब और पिछड़े वर्गों को राहत देने कि कोई जातिवादी व्यवस्था की व्याख्या नहीं की गई थी।

ऐसा जातिवादी भेदभाव गरीब और गरीब में करना, प्रजातंत्र की व्यवस्था के लिए खतरनाक है।

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