मिथ्या भाव के कारण ही जीव के उत्तम गुण नष्ट हो जाते हैं : मुनिश्री

 


डबरा-: मिथ्यात्व के कारण जीव के उत्तम से उत्तम गुण नष्ट हो जाते हैं। मिथ्यात्व के कारण दान, पूजा, पाठ, जाप, स्वाध्याय, भक्ति, आरती आदि करने के भाव नहीं होते। मिथ्यात्व व्यक्ति को अंधा बना देता है फिर वह धर्म को भूल जाता है। मिथ्यात्व का सर्प जिसे डस लेता है वह उसका फल जन्मों-जन्मों तक भोगता है। हमारे आचार्यों ने कहा है कि सम्यक्त्व के साथ नरक जाना अच्छा है, परंतु मिथ्यात्व के साथ स्वर्ग के सुखों को भोगना अच्छा नहीं है। *यह बात मेडिटेशन गुरु मुनिश्री विहसंत सागर महाराज ने आज शनिवार को महावीर पुर स्थित श्री चन्द्रप्रभु दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।मंच पर मुनिश्री विश्वसूर्य सागर महाराज एवं ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज भी मौजूद थे। 

मुनि श्री ने कहा कि जैसे जमीन के नीचे पानी छिपा रहता है उसी प्रकार हर आत्मा में परमात्मा की ज्योति छिपी रहती है। पानी को निकालने के लिए हमे जमीन को खोदना पड़ता है। प्रतिमा को प्रकट करने के लिए उनके दर्शन के करने के लिए पत्थर को तराशना पड़ता है। उसी प्रकार आत्मा में विराजमान परमात्मा के दर्शन करने के लिए मनुष्य को तपस्या व सत साधना से गुजरना पड़ता है। उन्होंनें कहा कि मनुष्य के हर कार्य के पीछे अभिप्राय और भावना अच्छी हो तो वह कार्य प्रार्थना बन जाता है।

धर्म के निश्चय और व्यवहार दोनों ही आवश्यक अंग है।

मुनिश्री ने कहा कि धर्म के निश्चय और व्यवहार दोनों ही आवश्यक अंग है। अकेले व्यवहार में आप लगे रहेंगे तो भी आपकी निज आत्मा का भला होने वाला नहींं है। बिना साधन के साध्य की प्राप्ति नही हो सकती। बिना व्यवहार के यदि आप सीधे आत्मा अर्थात निश्चय की प्राप्ति का प्रयास करोगे तो वह आपको तीन काल तक प्राप्त होने वाली नहीं है। राग और द्वेष की निवृति के लिये अपने आपको एक शिष्य के रूप में ढालना होगा।

इन्होंने धर्मसभा का शुभारंभ किया

धर्मसभा का शुभारंभ ग्वालियर सगीतकर शुभम जैन सैमी ने भक्ति भजन से ओर मंगल चारण गायन आशी जैन ने किया! आचार्यश्री विराग सागर महाराज के चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलित बाबूलाल सुरेश चंद जी जैन लुशन वाले, संजय कुमार मनोज कुमार जैन कपड़े वाले किया! मुनिश्री को शास्त्र भेंट चंद्रप्रभु सेवा संगठन के सदस्य मनोज जैन एकांत,अरुण जैन फल वाले, राजू जैन कपड़े वाले, मनीष जैन बंटी, विकास जैन, मयंक आशीष संजीव जैन सेंथरी वाले चंद्रशेखर लल्ले ने किया! इस मौके पर कोमलचंद जैन, राजेन्द्र जैन, विनोद जैन, जगदीश जैन, अतुल जैन मोनू आदि मौजूद थे! संचालन मनोज अनेकांत ने किया


*मुनिश्री के सानिध्य में भव्याति भव्य वेदी शिलान्यास 28 दिसंबर को होगा*

मुनिसंघ के मीडिया प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम ने बताया कि मेडिटेशन गुरु मुनिश्री विहसंत सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैसवाल जैन मंदिर महावीर पुर में 28 दिसंबर सोमवार प्रातः 10:00 बजे भव्यातिभव्य वेदी शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा! जिसमें आगरा, राजाखेड़ा, ग्वालियर, धौलपुर, मुरैना, भिंड, इटावा, भितरवार, नरवर, मगरोनी, शिवपुरी, रन्नौद से भक्तिगण पहुँचेगे!

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