फिर भरी चंबल ने हुंकार:वन विभाग को नहीं दी जाए चंबल की जमीन। पीढ़ियों से काबिज किसानों को पट्टे दिए जाएं: किसान सभा
सबलगढ़:- चंबल क्षेत्र के ग्राम आटार, देव लालपुरा, लक्ष्मणपुरा, खेरो, खिरकारी, रहू का गांव, रेमजा का पुरा, मोजी का पुरा, डिगबार, मदनपुरा की लगभग 650 हेक्टेयर जमीन विगत वर्ष वन विभाग को आवंटित की गई है। यह जमीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के लिए वन विभाग की जमीन के बदले में एक्सचेंज की गई है। इस जमीन पर लगभग 1000 परिवार पीढ़ियों से काबिज है। कई किसान भूमि स्वामी स्वत्व धारक एवं पट्टेदार हैं तथा सैकड़ों ऐसे हैं जो सरकारी जमीन पर पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं। इन किसान परिवारों को उजाड़ कर वन विभाग को जमीन आवंटित करना पूरी तरह से विधि विरुद्ध है। मध्य प्रदेश किसान सभा द्वारा इस कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया गया है । उपरोक्त सभी 10 गांवों के किसानों ने चंबल किनारे इकट्ठे होकर सभा कर शासन व प्रशासन से मांग की है चंबल के बीहड़ की जमीन जिसमें 10 गांवों के किसान का काबिज है वन विभाग को नहीं दी जाए। पीढ़ियों से का बिज किसानों को इसके पट्टे दिए जाएं। इसके लिए किसान लामबंद हो रहे हैं। चंबल क्षेत्र के किसानों ने पूर्व में भी घड़ियाल के खिलाफ, कंपनियों को जमीन आवंटन के विरुद्ध जुझारू संघर्ष किए हैं और आवंटन रद्द कराए हैं। किसानों का कहना है कि यदि वन विभाग के लिए जमीन आवंटन रद्द नहीं किया गया तो हम लोग संगठित होकर संघर्ष करेंगे। किसानों की आम सभा को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि गरीब जो पीढ़ियों से काबिज है , उन्हें उजाडा जाना नियम विरुद्ध तो है ही , मानवाधिकारों का भी खुला उल्लंघन है। इस विधि विरुद्ध आवंटन को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए और पीढ़ियों से खेती कर रहे किसानों को पट्टे दिए जाने चाहिए। सभा को मध्य प्रदेश किसान सभा के जिला महासचिव मुरारी लाल धाकड़ ने संबोधित करते हुए कहा कि किसानो को संगठित होकर सरकार के वन विभाग के लिए भूमि आवंटन के निर्णय का पुरजोर विरोध करना है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए । उन्होंने किसानों से संगठित होकर आंदोलन को आगे बढ़ाने की अपील की। इस सभा में रामस्वरूप पूर्व सरपंच, घमंडी केवट, रघुवीर केवट, हेमराज केवट जनपद सदस्य, लाल पति केवट, मांगीलाल शर्मा ,रामबाबू सिंह जादौन, धनीराम रावत, बिन्डल रावत ,प्रकाश रावत, हाकिम रावत, आदिशामिल हुए। इस आंदोलन को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रांतीय सह सचिव राजवीर सिंह धाकड़, युवा नेता नरेंद्र सिंह सिकरवार द्वारा भी समर्थन दिया गया । 2 फरवरी को सभी किसान प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।