संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दर्जनों कृषि किसान संगठनों एवं राजनीतिक पार्टियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर किया मुकम्मल चक्का जाम
जौरा/कैलारस/सबलगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा जिसमें 500 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं, के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर तीनों कृषि कानूनों की वापसी के लिए देशव्यापी आंदोलन की कड़ी में मुरैना जिले में जुझारू एवं व्यापक भागीदारी के साथ चक्का जाम की कार्यवाही संपन्न हुई । इस ऐतिहासिक चक्का जाम में जोरा में सैकड़ों किसानों ने मई रोड पर जाम लगा दिया । लंबे समय तक चले जाम के बाद के दौरान प्रशासन द्वारा ढाई सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी देने वालों में पूर्व विधायक सोने राम कुशवाह ,मध्य प्रदेश किसान सभा के जिला सहायक महासचिव ओमप्रकाश श्रीवास ,डॉ राम सिया कुशवाहा, माकपा के राजीव गुप्ता, हंसराज शर्मा, अमर सिंह राठौर , प्रहलाद कुशवाहा , बादामी कुशवाह ,रामनिवास जगा, प्रभु दयाल गौड़ आदि के नेतृत्व में सभा कर कार्यवाही की गई। कैलारस में दशकों के बाद जुझारू आंदोलन की धमक सुनाई दी इस आंदोलन में मध्य प्रदेश किसान सभा, राष्ट्रीय किसान मोर्चा सहित कई किसान संगठन शामिल रहे। इस आंदोलन को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी तथा बहुजन मुक्ति मोर्चा द्वारा भी समर्थन दिया गया। कैलारस में हुई आमसभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बादल सरोज ने कहा कि यह आंदोलन ऐतिहासिक आंदोलन है। आजादी के बाद से देश में सबसे बड़ा जनांदोलन बन गया है। मोदी सरकार कॉरपोरेट कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है। लेकिन किसानों ने भी तय किया हुआ है कि वापसी तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। सरकार को कानून वापस लेने ही पड़ेंगे। कैलारस में एमएस रोड पर जाम की कार्रवाई की गई । जिसमें 5 सैकड़ा से ज्यादा किसानों ने और कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की । इसका नेतृत्व मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी, गयाराम सिंह धाकड़, महेश प्रजापति, छात्र नेता राजवीर सिंह सिंचाई अध्यक्ष, राम लखन धाकड़ जनवादी पत्रकार संघ नरेंद्र सिंह सिकरवार, राजेश गुप्ता पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष, इब्राहिम शाह पूर्व पार्षद ,जगन्नाथ सिंह धाकड़, पूर्व सोसाइटी अध्यक्ष सुरेश धाकड़ ,मनोज धाकड़ जनवादी महिला समिति की मुन्नी बाई उर्मिला जाटव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष लक्ष्मण दुबे ,प्रांतीय महासचिव बृजमोहन मरैया ,राजकुमार सिंघल, नाथूराम इंदौरिया ,केशव गोय नर ,अशोक जाटव, साबिर खान, डॉ दशरथ कुशवाह, बहुजन समाज पार्टी के नंदलाल खरे ,पूर्व नपाध्यक्ष रमेश कुशवाहा ,डॉक्टर शरीफ कुरैशी राष्ट्रीय किसान मोर्चा के डा0 हरि सिंह शाक्य, सुमेर शाक्य, नीरज जाटव ने संबोधित किया और भागीदारी की । सबलगढ़ में किसान संगठनों के अलावा राजनीतिक दलों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया जिसमें पूर्व नपाध्यक्ष मुरारी लाल धाकड़ ,विधायक बैजनाथ कुशवाह एडवोकेट , अशोक राठौर, इसराइल खान, विशाल जाटव प्रभु सगर, पूर्व पार्षद आदिराम आर्य आदि के नेतृत्व में 1000 से ज्यादा लोगों ने भागीदारी की । आंदोलन जिले में अब तक होने वाले आंदोलनों में ऐतिहासिक हो गया है। जिसमें मुरैना से लेकर सबलगढ़ तक चार स्थानों पर चक्का जाम किया गया , सभाएं की गई ,प्रदर्शन किए गए। बड़ी संख्या में किसानों ने शिरकत कर आंदोलन की व्यापकता को बढ़ाया और मजबूत किया । एक जन आंदोलन के प्रभाव के चलते सरकार की चूलें हिलने लगी हैं। अंततः उन्हें कृषि विरोधी तीनों काले कानून वापस लेने होंगे ।