डीएनए रिपोर्ट बना प्रमुख आधार

मुरैना । 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/- रूपये अर्थदरना। बढ़ते दुष्कर्म के प्रकरणों में गवाह-साक्ष्यों की कमी के बाद भी अब आरोपियों का बच निकलना मुश्किल है और यह डीएनए टेस्ट रिपोर्ट की वजह से संभव हुआ है। 04 अप्रैल 2018 को घर से दुकान पर सामान लेने के लिए निकली नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले-जाकर एवं उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, स्पेशल जज (पाॅक्सो एक्ट) के न्यायालय ने आरोपी राकेश पुत्र बदले प्रजापति निवासी- न्यू आमपुरा, मुरैना को धारा- 376 में दोषी पाते हुये, 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में 01 वर्ष के सश्रम कारावास से भुगताये जाने का भी आदेश दिया। उक्त प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक प्रतिभा उमरैया के द्वारा की गई एवं प्रकरण में सहयोग अपर लोक अभियोजक संजय मिश्रा के द्वारा किया गया। मीडिया सेल प्रभारी (अभियोजन) डाॅ. रश्मि वैभव शर्मा ने घटना के बारे में बताया कि, दिनांक 14 अप्रैल 2018 को नाबालिग लड़की के पिता ने थाना सिविल लाईन में उपस्थित होकर रिपोर्ट की, कि दिनांक 04 अप्रैल 2018 को मेरी 13 वर्षीय लड़की दोपहर करीब 03ः00 बजे घर से दुकान पर सामान लेने गई थी जो वापस घर नहीं आई। मैंने अपनी लड़की की तलाश नाते-रिस्तेदारियों में कई जगह की लेकिन कोई पता नहीं चला। मेरी लड़की को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर ले गया है। मुझे अपनी लड़की को ले जाने में राकेश प्रजापति निवासी - आमपुरा के ऊपर शंका है। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर से आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया, विवेचना के दौरान दिनांक 17 अप्रैल 2018 को नाबालिग लड़की को आरोपी के कब्जे से दस्तयाब किया गया एवं आरोपी को गिरफ्तार किया। बाद थाना वापस आकर नाबालिग लड़की के कथन लिये गये, तो नाबालिग ने अपने कथनों में बताया कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर पैंसेजर ट्रेन से आगरा लेकर गया और वहां उसने स्टेशन पर खड़ी खाली ट्रेन में मेरे साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया और उसके बाद मुझे मुुरैना वापस लेकर आया और यहां भी आरोपी के द्वारा मेरे साथ कई बार दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के कथनो के आधार पर मामले में 376(2)(एन) ताहि, 5/6 पाॅक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान पीड़िता एवं उसके माता-पिता ने अभियोजन कहानी का समर्थन नहीं किया। किंतु डी.एन.ए. टेस्ट में आरोपी के विरूद्ध बलात्कार का प्रकरण सिद्ध पाया गया। माननीय न्यायालय ने डी.एन.ए. रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुये दण्डित किया। 

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