मुनिश्री के सानिध्य में विधायको ने पंचकल्याणक भूमि एवं वेदी पूजन किया





  ग्वालियर मे 22 से 27 फरवरी तक भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा व गजरथ महोत्सव आयोजित होगे।

  ग्वालियर। फूलबाग मैदान में अयोध्या नगरी में 22 फरवरी से 27 फरवरी तक परम पूज्य राष्ट्रसंत मुनिश्री 108 विहर्ष सागर महाराज एवं मुनिश्री विजयेश सागर महाराज के सानिध्य में भव्य पंचकल्याणक महोत्सव विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव कार्यक्रम हेतु आज गुरूवार को अयोध्या नगरी के निर्माण के भूमि एवं वेदी पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया!

   आयोजन समिति के प्रवक्ता सचिन आदर्श कलम ने बताया कि मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज, मुनिश्री विजयेश सागर महाराज से  मुख्य अतिथि विधायक डाॅ सतीश सिकारवार एवं विशिष्ट  अतिथि पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया! प्रतिष्ठाचार्य चंद्रप्रकाश जैन, पंडित सुनील भंडारी एवं ज्योतिचार्य हुकुमचंद जैन ने मंत्रउच्चरण के साथ पंच कल्याणक महोत्सव आयोजन स्थल के पंडाल की भूमि शुद्धिकरण पूजन एवं वेदी पूजन समाज के मुख्य यजमान बालचंद्र जैन, मुख्य अतिथि विधायक डाॅ सतीश सिकारवार एवं विशिष्ट  अतिथि पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने पूजा-पाठ व मंत्रों के साथ पंचकल्याणक भूमि पूजन एवं वेदी पूजन किया। समिति के शिरोमणि संरक्षक डाॅ वीरेंद्र गंगवाल, अध्यक्ष महेंद्र चंद्र जैन, अजीत वरैया, महामंत्री पवन जैन, मंत्री बंसत जैन, मुख्य संयोजक बालचंद्र जैन, कार्यकरी अध्यक्ष मनोज जैन, स्वागत अध्यक्ष पदमचंद जैन, उपाध्यक्ष पारस जैन, संयोजक विनय कासलीवाल, संजीव अजमेरा एवं दिनेश जैन मौजूद थे। संचालन उमेश जैन भिंड एंव आभार समिति के महामंत्री पवन जैन पत्रकार ने किया।

धर्म और संस्कृति की सुरक्षा के लिए मंदिरों का निर्माण जरूरी हैःमुनिश्री

 ग्वालियर-एक पिता अपने बच्चों की जिंदगी भर सर्दी, गर्मी, बरसात सहन करते हुए धन संग्रह कर उनका भविष्य उज्जवल बनाते हैं। उसी तरह संत भी सर्दी-गर्मी में हर प्रकार से परिग्रहों को सहकर श्रावकों के लिए जिन मंदिरों का निर्माण करवा देते हैं। हमारी धर्म और संस्कृति की सुरक्षा के लिए मंदिरों का निर्माण जरूरी है ताकि बच्चे भी उस धर्म और संस्कृति को हमेशा याद रखें। यह उद्गार राष्ट्रसंत जैन मुनि विहर्ष सागर महाराज ने आज गुरूवार को फूलबाग मैदान में होने वाले भव्य पंचकल्याणक महोत्सव के लिए भूमि एवं वेदी पूजन कार्यक्रम मे संम्बोधित किया। मुनिश्री विजयेष सागर महाराज भी मौजूद थे।

   मुनिश्री ने आगे कहा कि पंचकल्याणक आत्म कल्याण के लिए किए जाते हैं। जीवन में धन का स्वाद बहुत लिया एक बार धर्म का स्वाद अवश्य लेना चाहिए। दान, पूजा के माध्यम से पुण्य का पुरूषार्थ करते रहना चाहिये, मन की निर्मलता, क्षमा, त्याग के माध्यम से आती है। पाप रूपी परिग्रह को त्याग कर रत्नाक्रय के साथ जो साधना करता है वही पंच कल्याणक अनुष्ठान में सौधर्म इन्द्र, कुबेर आदि प्रमुख इन्द्र बन पाता है।

चेतकपुरी में मुनिश्री अगवानी की, पाद प्रक्षालन व आरती उतारी

 राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ससंघ गुरुवार को सुबह भूमि पूजन के बाद चेतकपुरी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में गाजे बाजे के साथ समाजजनों एवं महिलाओ ने भव्य अगवानी की। मुनिश्री जिन मार्गो से निकाले उस मार्ग पर समाजजनों ने पाद प्रक्षालन कर आरती उतारी के अशीवाद लिया। मुनिश्री की आहारचर्या चेतकपुरी में संपन्न हुई।

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