अगले सप्ताह योजनाओं में प्रोग्रेस नहीं मिली तो खेर नहीं होगी - कलेक्टर
कलेक्टर ने दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
उप संचालक कृषि को फरवरी माह का वेतन नहीं दिया जायेगा
मुरैना 22 फरवरी 2021/ प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में प्रत्येक सप्ताह प्रगति नहीं आई तो ऐसे अधिकारियों की खैर नहीं होगी। ये निर्देश कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने सोमवार को टीएल बैठक के दौरान समस्त जिलाधिकारियों को दिये। बैठक के दौरान कलेक्टर ने 2 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस तथा उपसंचालक कृषि श्री पीसी पटेल बिना अवकाश स्वीकृत किये हुये मुख्यालय से अनुपस्थित रहे। इस पर उनका फरवरी माह का वेतन आहरित नहीं करने के निर्देश दिये। बैठक में अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला, संयुक्त कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर श्री अमरसत्य गुप्ता, समस्त एसडीएम, समस्त जिलाधिकारी, तहसीलदार, जनपद सीईओ एवं नगरीय निकायों के सीएमओ उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने सर्वप्रथम कोविड वैक्सीन की समीक्षा की, जिसमें 82 प्रतिशत लक्ष्य के अनुरूप टीकाकरण किया गया है, इस पर कलेक्टर ने ऐसे लोंगो को चिन्हित करने के निर्देश दिये जो लोग वैक्सीन लगवाने से छूटे हुये है। जिनके कारण सहित जानकारी के साथ अगली बैठक में उपस्थित होने के निर्देश सीएमएचओ को दिये है। इसके साथ ही समस्त एसडीएम को निर्देश दिये है कि वे प्राथमिकता से लें, जिससे कोविड का लक्ष्य शतप्रतिशत पूर्ण हों। कलेक्टर ने कहा है कि केरल और महाराष्ट्र से आने वाले लोेंगो की रेल्वे स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंगी की जाये और उनका रजिस्टर में पता लिखा जाये, क्योंकि केरल और महाराष्ट्र में कोविड पुनः बढ़ रहा है।
कलेक्टर ने कहा है कि जिले में 87 प्रतिशत टीकाकरण हुआ है, इस कार्य को लक्ष्य मानकर स्वास्थ्य अधिकारी पूर्ण करें। जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड 10 लाख 18 हजार 478 लोंगो के बनाये जाने थे, जिसमें 4 लाख 6 हजार 330 लोंगो कार्ड बने है, इस कार्य को अगले सप्ताह में लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण करें। कलेक्टर ने हाईरिस्क वाली महिलाओं के प्रसव की जानकारी ली, जिसमें 14 ऐसी महिलायें पाई र्गइं, जो उनके प्रसव की जानकारी अप्राप्त है। उन्हें तत्काल डूड़ने का प्रयास किया जाये। जिले मेें भ्रूण परीक्षण नहीं होना चाहिये।
सीएम हेल्पलाइन में समय पर निराकरण नहीं करने पर सीएमएचओ डाॅ. आरसी बांदिल और सिविल सर्जन डाॅ. एके गुप्ता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। क्योंकि सीएम हेल्पलाइन में जननी सुरक्षा और प्रसूती सहायता की शिकायतें लगातार बढ़ रही है। कलेक्टर ने स्ट्रीट वेण्डर्स योजना की समीक्षा की, जिसमें प्रत्येक जनपद सीईओ को अगले सप्ताह का लक्ष्य तय किया गया।
कलेक्टर ने स्व-सहायता समूह की समीक्षा की, जिसमें 95 प्रतिशत प्रगति होने पर उन्होंने और आगे शतप्रतिशत टारगेट पूर्ण करने के निर्देश दिये। इसमें अम्बाह, पोरसा सीएमओ का वेतन रिलीज करने के निर्देश दिये। तथा नगर निगम को अगले सप्ताह 55 प्रतिशत लक्ष्य करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कृषि विभाग के द्वारा बनाये जा रहे बायोगैस की समीक्षा, जिसमंे 52 बायोगैस अब तक पूर्ण हो गये है, 29 शेष है। कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग के तहत अगले सत्र में फल उद्यान की डीपीआर बनाने के निर्देश दिये थे, जिसमें 82 डीपीआर स्वीकृत की जा चुकी है, किन्तु फसल के खड़े होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं होना बताया। कलेक्टर ने 100 दिवस एवं 300 दिवस सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा, जिसमें खाद्य विभाग की शिकायतें थी, जिसमें खाद्य विभाग की शिकायतें भी लंबित पाई गई। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिकायतें एल-1 पर ही निराकृत हों, अन्यथा संबंधित अधिकारी की खैर नहीं होगी।
कलेक्टर ने जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाने की समीक्षा की
मुरैना 22 फरवरी 2021/ आगामी ग्रीष्म समय में लोंगो को पर्याप्त पानी मिले, इसके लिये कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने वस्तुस्थिति से पीएचई को अवगत किया। ईपीएचई श्री आरएन करैया ने बताया कि जिले में ग्रीष्म समय के दौरान कहीं भी समस्या नहीं आयेगी, मात्र जिले में 10 गांव ऐसे है, जिनमें पिछले साल टेंकर से पानी पहुंचाया गया था, किन्तु इस वर्ष उन 10 ग्रामों से 5 गांवों में पेयजल संरचनायें प्रारंभ हो चुकीं है। शेष 5 गांवों में से 2 गांव रामपुर और बामसौली में टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। संभवतः सीजन आते समय तक पानी का प्रबंध कर लिया जावेगा। शेष 3 गांव ऐसे है, जहां टेंकर से पानी पहुंचाने की जरूरत पड़ेगी। इस पर कलेक्टर ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिये कि अपने-अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करें कि कोई गांव का वाटर लेबल नीचे गया हो तो वहां पाइप आदि के प्रबंध पीएचई के माध्यम से करावें।
कलेक्टर ने कहा है कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में पानी मिले, इसके लिये जिले में 85 कार्य प्रगति रत है। जिसमें 64 टंकियां निर्माणाधीन है।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने रोजगार मेले की समीक्षा की, जिसमें 26 फरवरी को जिला रोजगार अधिकारी और मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों को इस माह में 1 हजार लोंगो को नियुक्ति दिलाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने महिला बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी भवनों की समीक्षा की, जिसमें पोरसा आंगनवाड़ी भवन के संबंध में जनपद सीईओ द्वारा डीपीसी को अवगत कराया, किन्तु डीपीसी द्वारा उस कार्य को गंभीरता से नहीं लिया, इसलिये कलेक्टर ने डीपीसी श्री मुन्ना सिंह तोमर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिय। कलेक्टर ने आरसीएमएस सिस्टम में प्रगति न आने पर नायब तहसीलदार श्री प्रदीप केन को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। तथा पीएम किसान योजना में तहसीलदार मुरैना श्री अजय शर्मा द्वारा 603 के प्रकरणों में तथ्यात्मक जानकारी न देने पर श्री अजय शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
किसान पंजीयन में कोताई न बरतें - कलेक्टर
मुरैना 12 फरवरी 2021/कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने राजस्व, खाद्य एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश है कि किसान पंजीयन में किसान छूटना नहीं चाहिये, इसके लिये 25 फरवरी 2021 तक अन्तिम तिथि तय की गई है। इसमें एसडीएम पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी गेहूं, चना और सरसों के पंजीयन की जानकारी देंखे, कितने किसान अभी भी पंजीयन कराने से शेष है। जिले में लगातार बेरिफिकेशन का कार्य भी होता रहे। बैठक में छात्रावास अगले 1 तारीख से खुलना है, इसके लिये उनमें साफ-सफाई, रंगाई-पुताई का कार्य ट्रायवल विभाग करा लें।
गेंहू उपार्जन के लिए एमपी किसान एप पर भी किसान करा सकते हैं पंजीयन
मुरैना 22 फरवरी 2021/किसानों को उनके उपज का अधिकतम मूल्य देने के लिए समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद सहकारी समितियों के माध्यम से दी जायेगी। इसके लिए किसानों का पंजीयन 25 फरवरी तक किया जा रहा है। किसान अपने नजदीकी केन्द्र में जाकर आवश्यक अभिलेख देकर कार्यालयीन समय में पंजीयन ऑनलाइन करा सकते हैं। पात्र किसान एमपी किसान एप तथा ई-उपार्जन पोर्टल पर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं। पंजीकृत किसानों से शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गेंहू की खरीद की जायेगी।
किसानों के बेटे बेटियों के लिए कृषक उद्यमी योजना
मुरैना 22 फरवरी 2021/शासन द्वारा किसानों के बेटे-बेटियों को स्वरोजगार का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से कृषि पर आधारित स्वंय का उद्योग सेवा व्यवसाय तथा उद्यम स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इच्छुक आवेदक एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर एमएसएमई (सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग) विभाग की वेबसाइट एमपी ऑनलाइन डाट जीओव्ही डाट इन पर निर्धारित प्रारूपों में आवेदन कर सकते हैं। इसमें ऑनलाइन आवश्यक दस्तावेज ही दर्ज होंगे।
आवादी सर्वे (स्वामित्त योजना) में आर.सी.एम.सी. में 746 प्रकरण दर्ज
सबलगढ़ में ड्रोन द्वारा 18 ग्रामों की आवादी सर्वे का कार्य किया
मुरैना 22 फरवरी 2021/ आवादी सर्वे (स्वामित्त योजना) के अन्तर्गत आर.सी.एम.एस. में 747 प्रकरण दर्ज किये जा चुके है।
जिला सर्वेक्षण अधिकारी मुरैना की अधिसूचना के अनुसार तहसील पोरसा में 154, अम्बाह में 71, मुरैना में 72, बानमौर में 85, जौरा में 222, कैलारस मेें 105 और सबलगढत्र में 115 इस तरह कुल 746 प्रकरण आर.सी.एम.एस. में दर्ज किये जा चुके है। 16 जनवरी 2021 से तहसील सबलगढ़ में ड्रोन द्वारा 18 ग्रामों की आवादी सर्वे का कार्य किया जा चुका है। शेष ग्रामों की आवादी सर्वे की कार्यवाही की जा रही है।
धमकन घसटुआ मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल के निर्माण की निविदा प्रगति पर
मुरैना 22 फरवरी 2021/ आसन बैराज का निर्माण वर्ष 2020 में पूर्ण हुआ है, इस योजना के निर्माण से लगभग 32.84 उबनउ पानी का भराव होगा, जिससे जिला भिण्ड स्थित कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
जल संसाधन संभाग जौरा के कार्यपालन यंत्री श्री निवास शर्मा ने 19 फरवरी 2021 को प्रकाशित एक खबर के संदर्भ में बताया कि बैराज के भराव के डूब क्षेत्र में धमकन घसटुआ मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जाना है, जिसकी निविदा कार्रवाही प्रगति पर है।
कार्यपालन यंत्री ने बताया कि वर्ष 2020 में वर्षा काल में आसन बैराज में पानी का भराव किया जाना था, लेकिन ग्राम पुरा हथरिया (गदाल का पुरा) एवं आसपास के लगभग 30 ग्रामों के जनप्रतिनिधियों एवं कृषकों द्वारा सामुहिक रूप से विरोध किया गया कि उक्त भराव से क्षेत्र के लगभग 30 ग्रामों का जौरा एवं सुमावली से आवागमन अवरूद्ध हो जायेगा।
जब तक उच्च स्तरीय पुल का निर्माण नहीं हो जाता है, ग्रामीण आसन बैराज में पानी नहीं भरनें देंगे। क्योंकि आसन बैराज का निर्माण वर्ष 2020 में ही पूर्ण हुआ है। यह कहना आधा दर्जन पंचायतों में आसन बैराज में पानी न भरने से जल स्तर गिर गया है। यह सही नहीं है।
मुरैना जिले में संचालित इंटीग्रेटेड रोग निगरानी इकाई यूनिट द्वारा की जायेगी
मुरैना 22 फरवरी 2021/ महामारी की निगरानी तथा संक्रामक बीमारियों की स्थिति को डाटा की माॅनिटरिंग अब भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जिले बनाये गये इंटीग्रेटेड हेल्थ इनफाॅर्मेशन प्लेटफाॅर्म पोर्टल द्वारा जिले में संचालित इंटीग्रेटेड रोग निगरानी इकाई यूनिट द्वारा की जायेगी।
आईएचआईपी पोर्टल को 1 अप्रेल 2021 से लांच शुरूआत किया जायेगा। इसके लिये आईएचआईपी के नोडल अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर डाॅ अल्पना सक्सेना द्वारा सभी एएनएम को बुधवार 17 फरवरी 2021 से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के पूर्ण होने के बाद समस्त चिकित्सकों, फर्माशिस्ट एवं लेब टेक्निशियन को भी यह प्रशिक्षण दिया जायेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ आरसी बांदिल ने बताया कि इस पोर्टल के द्वारा संक्रामक मरीजों का डाटा, जानकारी प्रतिदिन तथा रियल टाइम में प्रविष्ट किया जायेगा, जिससे समय पर ही किसी महामारी के फैलने के पूर्व ही उसकी रोकथाम की जा सकेगी।
जिला स्तरीय रोजगार मेला 26 फरवरी को
मुरैना 22 फरवरी 2021/ जिला स्तरीय रोजगार मेला 26 फरवरी 2021 को प्रातः 10 बजे से शासकीय पीजी काॅलेज जौरा मुरैना में आयोजित किया जायेगा। रोजगार मेले में लगभग 10 से 15 कंपनियांे के भाग लेने की संभावना है।
जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि रोजगार मेले में मार्केटिंग, रिटेल, सिक्योरिटी गार्ड, इंश्यारेंस, पैकेजिंग आदि सेक्टर की कंपनियों युवकों का चयन करेगी। आवेदक अपने साथ योग्यता की मूल प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो साथ में अवश्य लावें। रोजगार मेले में अधिक से अधिक आवेदक लाभान्वित होंगे। रोजगार मेले में कौशल प्रदाता भी भाग ले सकते है।
लघु उद्योग निगम के सभी कार्य आनलाइन हो रहे
मुरैना 22 फरवरी 2021/मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम की 2 नई बेवसाइट से अब निगम के सभी कामकाज ऑनलाइन हो गए है। लघु उद्योग निगम द्वारा दिसंबर माह में इन वेबसाइट को शरू किया गया। सभी सुविधायें वेबसाईट एमपी एलयू डाट एमपीएमएसएमइ डाट जीओव्ही डाट इन प्रोक्योरमेंट पोर्टल ईप्रोक्योरमेंट डाट एमपीएमएसएमइ डाट जीओव्ही डाट इन पर उपलब्ध है।
लघु उद्योग निगम द्वारा विकसित कराये गये पोर्टल में प्रोक्योरमेंट के संबंध में शुरू से अंत तक का समाधान उपलब्ध है। पोर्टल पर उपलब्ध डेश बोर्ड के माध्यम से प्रदायकर्ता एवं निगम द्वारा अपनी गतिविधियों का संपादन, पर्यवेक्षण आदि किया जा सकता है। निगम के माध्यम से प्रदाय की जाने वाली सामग्रियों के दर निर्धारण हेतु एनआईसी के पोर्टल एमपी टेण्डर डाट इन का उपयोग किया जा रहा है एवं समस्त निविदायें इसी पोर्टल पर आमंत्रित की जा रही हैं।
पोर्टल पर उपलब्ध दर अनुबंध के आधार पर क्रयकर्ता विभाग व प्रदायकर्ताओं का चयन कर उन्हें प्रदाय आदेश जारी कर सकेंगे। जारी आदेश को संशोधित करने का प्रावधान भी इसमें किया गया है। पोर्टल पर विभाग उनके द्वारा जारी प्रदाय आदेश के संबंध में की गई कार्यवाही का अवलोकन भी कर सकता है। पोर्टल पर ही प्रदायकर्ता द्वारा निरीक्षणकर्ता एजेंसी को निरीक्षण हेतु ऑफर दिये जाने तथा निरीक्षणकर्ता एजेंसी द्वारा निरीक्षण उपरांत पोर्टल पर निरीक्षण के संबंध में संपन्न कार्यवाही का वीडियो एवं निरीक्षण प्रमाण पत्र अपलोड किया जा सकता है। प्रबंध संचालक ने बताया कि सामग्री की प्राप्ति के उपरांत प्रदायकर्ता एवं क्रयकर्ता विभाग द्वारा सामग्री प्राप्ति रसीद भी पोर्टल पर अपलोड की जा सकती हैं। निगम द्वारा प्रदाय आदेश जारी करने से लेकर सामग्री की प्राप्ति तक समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन की जाकर मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम करने का प्रयास किया गया है। इस तरह निगम प्रोक्योरमेंट से संबंधित संपूर्ण गतिविधि हेतु ऑनलाइन पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि निगम अपनी गतिविधियों के डिजिटाईजेशन हेतु कृतसंकल्पित एवं इस दिशा में निगम द्वारा ई-ऑफिस प्रणाली को लागू किया जाकर नस्तियों का निराकरण ई-ऑफिस के माध्यम से ही किया जा रहा है।
खेती संबंधी बंटाई अनुबंध की कॉपी तहसीलदार को देना अनिवार्य
मुरैना 22 फरवरी 2021/सामान्य तौर से कृषकों और भू-स्वामियों द्वारा अपनी भूमि अन्य व्यक्तियों को धन या फसल का अंश भूमि स्वामी को देकर खेती के लिए भूमि दे दी जाती है जिसे सामान्य तौर पर बंटाई, सिकमी, अन्य स्थानीय नामों से जाना जाता है। तत्संबंध में मध्यप्रदेश भूमि स्वामी एवं बटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के अनुरूप भूमि बटाई पर दिए जाने की मान्यता प्रदान की गई है।
अधिनियम भूमि स्वामी बटाईदार दोनों के हितों का संरक्षण करता है अब कोई भी भूमि स्वामी अपनी भूमि बटाई पर देने या किसी व्यक्ति द्वारा बटाई पर लेने की वैधानिकता तभी मानी जाएगी जब दोनों पक्षों के द्वारा मध्यप्रदेश भूमि स्वामी बंटाईदारों के हित संरक्षण अधिनियम 2016 के नियम चार के तहत अनुबंध निष्पादित किया गया हो और एक प्रति संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को उपलब्ध कराई हो। कोई भी बंटाईदार, भूमि बंटाई पर लेकर यदि वह फसल क्षति की देय राहत राशि, बीमा राशि और कृषि उपज का उपार्जन के लिए दावा करता है तो शासन द्वारा तभी स्वीकार माना जाएगा जब भूमि स्वामी और बंटाईदार के मध्य उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध निष्पादित हुआ हो और विधिवत अनुबंध के अभाव में उपरोक्त हित लाभ दिया जाना संभव नही होगा। अतः हितवद्ध व्यक्ति उपरोक्त अधिनियम के तहत कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे।
समर्थन मूल्य में गेंहू खरीदी के लिए किसानों का पंजीयन 25 फरवरी तक
मुरैना 22 फरवरी 2021/किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए शासन द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 1975 रूपये प्रति क्विंटल पर गेंहू की खरीद की जायेगी । समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी के किसान का पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन की अंतिम तिथि 25 फरवरी निर्धारित की गई है। पंजीयन प्रातः 9 बजे से शाम 7 बजे तक सभी शासकीय कार्य दिवसों में निर्धारित खरीदी केन्द्रों में किया जायेगा। किसान एमपी किसान एप, ई-उपार्जन पोर्टल तथा ई-उपार्जन मोबाइल एप पर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन ने बताया कि सभी किसान निर्धारित खरीदी केन्द्रों में अपना आॅनलाइन पंजीयन अवश्य करायें। पंजीकृत किसानों से ही समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद की जायेगी।
कलेक्टर श्री कार्तिकेयन ने बताया कि किसान पंजीयन कराने के लिए खरीदी केन्द्रों में अपने ऋण पुस्तिका की प्रति, बैंक पास बुक की प्रति, समग्र आईडी, आधार कार्ड तथा मोबाइल नम्बर की जानकारी उपलब्ध करायें। जिस खसरा नम्बर में गेंहू बोया गया है उसकी जानकारी अनिवार्य रूप से दें। किसान द्वारा दिये गये गेंहू के बोये गये क्षेत्रफल के अनुसार ही खरीदी की जायेगी। गेंहू खरीदी के लिए पंजीकृत किसान भी बोये गये क्षेत्रफल की जानकारी देकर पंजीयन में संशोधन करा सकते हैं। पंजीयन कराते समय सभी किसान केवल राष्ट्रीयकृत बैंक अथवा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का ही खाता नम्बर दें। जिससे आनलाइन भुगतान समय पर किया जा सके। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि पंजीयन के बाद गेंहू के क्षेत्रफल का सत्यापन आयुक्त भू अभिलेख की वेबसाइट एवं गिरदावरी एप के माध्यम से की जायेगी। सत्यापित रकबे के अनुसार ही गेंहू की खरीद की जायेगी। किसानों का पंजीयन तथा पंजीयन में संशोधन निःशुल्क किया जायेगा। सिकमीदार-बटाईदार तथा वनाधिकार पट्टेधारी किसानों का पंजीयन भी सहकारी समितियों एवं खरीदी केन्द्रों में किया जायेगा।
मनरेगा का वार्षिक लक्ष्य बढ़ कर हुआ 33 करोड़ मानव दिवस
मुरैना 22 फरवरी 2021/भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा अंतर्गत मध्यप्रदेश का वार्षिक लेबर बजट रिवाइज कर 33 करोड़ मानव दिवस का किया है। मनरेगा अंतर्गत अब प्रदेश में 33 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य हो गया है, जिसे 31 मार्च 2021 तक पूरा करना होगा।
अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व में वर्ष 2020-21 के लिए भारत सरकार द्वारा 20 करोड़ 50 लाख मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में कोराना काल में मनरेगा श्रमिकों को हर हाथ को काम मुहैया कराकर इस लक्ष्य को माह सितम्बर 2020 में प्राप्त कर लिया था। जिसे भारत सरकार ने पुनरीक्षित कर 28 करोड़ 50 लाख मानव दिवस कर दिया था। प्रदेश द्वारा 28 करोड़ 50 लाख मानव दिवस के लक्ष्य को 25 जनवरी 2021 तक हासिल कर लिया। भारत सरकार द्वारा पुनर्लक्षित करते हुए 31 करोड़ मानव दिवस का कर दिया था। मध्यप्रदेश में 18 फरवरी की स्थिति में 30 करोड़ 63 लाख मानव दिवस सृजित हो चुके है।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ गुरूवार को आयोजित हुयी वीडियो कॉन्फ्रेंस में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मघ्यप्रदेश में मनरेगा के पूर्व लक्ष्य 31 करोड़ मानव दिवस को को संशोधित करते हुए 33 करोड़ मानव दिवस कर दिया है। दो करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य बढ़ जाने से प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को जहाँ रोजगार के अतिरिक्त अवसर मुहैया होंगे वहीं मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को 380 करोड़ रूपये मजदूरी के रूप में अतिरिक्त प्राप्त होंगे।
प्रदेश में मनरेगा अन्तर्गत ग्रामीण जॉब-कार्डधारी परिवारों को हर हाथ को काम मुहैया कराया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 अंतर्गत 52 लाख 47 हजार परिवारों के 98 लाख 79 हजार श्रमिकों को 30 करोड़ 63 लाख मानव दिवस का रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। कोविड काल में मनरेगा अंतर्गत सृजित मानव दिवस योजना प्रारंभ से अब-तक के वर्षों में रिकार्ड सर्वाधिक है। मनरेगा के तहत कोविड काल, वर्ष 2020-21 में 6 लाख 45 हजार हितग्राही मूलक और सामुदायिक कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। वर्तमान में 6 लाख 74 हजार कार्य प्रगतिरत हैं।