तीनों कृषि विरोधी काले कानूनों की वापसी की लड़ाई लोकतंत्र और संविधान बचाने के संघर्ष से भी जुड़ी हुई:विक्रम सिंह

 





 संघर्ष में किसानों की भागीदारी बढ़ाएंगे: बाबू सूबेदार सिंह

कृषि कानूनों की वापसी तक संघर्ष जारी रहेगा: विधायक बैजनाथ कुशवाह

कैलारस। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से देशभर में चलाए जा रहे आंदोलन की कड़ी में कैलारस में भी किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। यह महापंचायत कृषि विरोधी तीनों काले कानूनों की वापसी को लेकर आयोजित की गई। इसमें देश व प्रदेश के वरिष्ठ किसान नेताओं के साथ अन्य राजनीतिक कार्यकर्ताओं ,नेताओं ने भी भागीदारी की। किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश से आए वरिष्ठ किसान नेता अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय सचिव डॉ विक्रम सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने खेती को बर्बाद करने के लिए तीनों कृषि विरोधी काले कानून कोरोना की आड़ में बनाए हैं । इन कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं 3 माह से ज्यादा का समय हो गया है। लाखों किसान दिल्ली की पांचों सीमाओं पर जमे हुए हैं। 250 से ज्यादा किसान साथी शहीद हो गए हैं। लेकिन मोदी सरकार कानूनों की वापसी के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन आजादी की लड़ाई के बाद होने वाला ऐतिहासिक आंदोलन है। मोदी जी कितना भी दमन करें लेकिन अंततः उन्हें कानून वापस लेने ही होंगे। किसानों ने संकल्प किया है कि वह लगातार संघर्ष जारी रखेंगे । उन्होंने किसान महा पंचायतों के जरिए बड़ी संख्या में किसानों की लामबंदी करने और संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। किसान महापंचायत को पूर्व विधायक प्रसिद्ध समाजवादी नेता बाबू सूबेदार सिंह जी एडवोकेट द्वारा संबोधित किया गया। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि हमें इस दायरे को और बढ़ाना है, यह चंबल की भूमि है ,यह संघर्ष की और कुर्बानियों की भूमि है, हमें इसकी गरिमा के अनुरूप संघर्ष को तेज करते हुए आंदोलनों की वापसी कराते हुए किसानों की जीत सुनिश्चित करना है। महापंचायत को सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक एडवोकेट बैजनाथ कुशवाह ने संबोधित किया । उन्होंने कहा यह संघर्ष किसानों विरोधी कानूनों की वापसी के लिए तो है ही , लेकिन संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए भी है। उन्होंने दोहराया संविधान ही एकमात्र ऐसी पुस्तक जिसने हमें बराबरी का अधिकार दिया है। यह सरकार संविधान को खत्म करना चाहती है। लोकतंत्र को नष्ट करना चाहती है। हमें संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई भी लड़नी होगी । महापंचायत में मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण कोरिया ने संघर्ष के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यह धरती मां की लाज को बचाने का संघर्ष हुई है। हम उसकी अस्मत को नही लुटने देंगे । यह लड़ाई हम जरूर जीतेंगे। इसी क्रम में पूर्व विधायक सोनू राम कुशवाह ने कहा के हम किसानों की लड़ाई में हर संभव भागीदारी करेंगे और किसान संघर्ष आगे बढ़ाएंगे।किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी कांग्रेश जोरा के ब्लॉक अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, किसान नेता गयाराम सिंह धाक,ड़ मुरारी लाल धाकड़ ,किसान कांग्रेस प्रमोद शर्मा ,रामविलास धाकड़, राजाराम बंसल केशव गुयनर, नाथूराम इंदौरिया, डा दशरथ कुशवाहा, बृजमोहन मरैया, राजकुमार सिंघल, शम्मा कुरैशी,राष्ट्रीय किसान मोर्चा के सुमेर शाक्य, बहुजन समाज पार्टी के नंदलाल खरे, डॉक्टर शरीफ कुरैशी, किसान नेता ओम प्रकाश श्रीवास, राम लखन धाकड़, केएन शर्मा,व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष राजेश गुप्ता, छात्र नेता राजवीर धाकड़ ,राजवीर धाकड़ युवा नेता नरेंद्र सिंह सिकरवार आदि नेता गणों ने संबोधित किया। अध्यक्षता राम सिंह पटेल बुंदू खान आदि ने की। संचालन युवा नेता महेश प्रजापति ने किया। किसान महापंचायत में तीनों कृषि विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए सर्वसम्मति से हाथ उठाकर प्रस्ताव पारित किया गया। राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार भरत कुमार के द्वारा प्रेषित किया गया । जिसमें कानूनों की वापसी के साथ-साथ एमएसपी को अनिवार्य बनाने की मांग भी की गई है। किसान नेताओं ने संकल्प दोहराया हैं कि यह संघर्ष लगातार जारी रहेगा।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

दोषियों के खिलाफ हो कार्यवाही

जनसंपर्क के दैरान रघुराज सिंह कंषाना जी का ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत

एच आई वी संक्रमित व्यक्तियों के साथ करें प्यार ओर सम्मान का व्यवहार-संदीप सेंगर