अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वी मनाई जयंती
मुरैना/पोरसा। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय,भारत सरकार के नेहरू युवा केंद्र संगठन मुरैना के जिला युवा अधिकारी राकेश सिंह तोमर के तत्वधान में विकासखंड पोरसा की राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक अंजलि तोमर एवं सौरभ कैन के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस 125 वी जयंती के उपलक्ष में संगोष्ठी, रेली एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मीनाक्षी पुरोहित और सुनीता तोमर , विशिष्ट अतिथि डीके जैन, जिला युवा अधिकारी राकेश सिंह तोमर ,विशन सिंह तोमर, अंजली उपाध्याय, संदीप उपाध्याय, अनुपमा उपाध्याय, मंजू उमाशंकर गुप्ता, पल्लवी नूरी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ पीपी शर्मा बीएमओ एवं पुष्पा उपाध्याय द्वारा की गई। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम चंचल गुप्ता ,द्वितीय सोनम तोमर एवं तृतीय खुशी तोमर रही। जिसमें मीनाक्षी पुरोहित ने बताया की अगर, हम सही मायनों में, भारतीय महिलाओं को सशक्त करना चाहते हैं तो हमें इन रुकावटों को दूर करना होगा। हमें महिलाओं को आज़ादी से घूमने और घर से बाहर जाकर काम करने को बढ़ावा देना चाहिए। महिलाओं को हर तरह के विषयों में निर्णय लेने की आज़ादी देनी चाहिए और महिलाओं का भी सभी तरह के संसाधनों के ऊपर पूरा कंट्रोल होना चाहिए। इसके अलावा सरकार को महिलाओं पर हो रही घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के खिलाफ़ कड़े क़ानून बनाना चाहिए। वहीं राकेश सिंह तोमर ने कहा कि दहेज प्रथा एक ऐसी प्रथा है जो आज भी हमारे समाज में बहुलता से प्रचलित है आलम यह है कि आज यह अपने आधुनिक रूप में समाज को डस रही है इसे हटाने के भारतीय कानून में इसके बदले हुए स्वरूप के लिए कोई व्यवस्था नहीं है परिणामत: यह धड़ल्ले से एक संक्रमित करने वाले रोग की तरह बड़ी तेजी से फैल रही है हालांकि दहेज प्रथा को लड़कियों, महिलाओं के शोषण के रूप में देखा जाता है एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की भी बात कही। वहीं डॉ पी पी शर्मा ने बताया कि किसी भी महिला को अपने दैनिक कार्य करने, बिमारियों की रोकथाम तथा सुरक्षित व स्वस्थ प्रसव के लिए अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है। लेकिन फिर भी, पुरे संसार में, किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या की तुलना में महिलाओं को कुपोषण का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। इसके कारण थकावट, कमजोरी, अशक्तता और बुरा स्वास्थ्य हो सकता है। उन महिलाओं को प्रतिदिन अधिक से अधिक हरी पत्तेदार सब्जियां खाये ,विटामिन, खनिजों तथा रेशों की अच्छी स्रोत हैं मुली, गाजर, टमाटर, शलगम, खीरा, जैसी कुछ कच्ची सब्जियां प्रतिदिन खानी चाहिए ।