विकास के पथ पर अग्रणी मुरैना जिला

 श्री शिवराज सिंह सरकार का एक वर्ष पूर्ण

 आलेखः-डी.डी.शाक्यवार



   प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के कार्यकाल का आज एक वर्ष पूर्ण हो रहा है। इस एक वर्ष में मुख्यमंत्री श्री चैहान ने मुरैना जिले के विकास के लिये कई सौगातें दी। कोविड-19 की भयामय स्थिति के बाद भी मुरैना जिला वर्ष में विकास के पथ पर अग्रणी रहा है। चाहे किसानों के ऋण माफी के मामलों हो या छोटे-छोटे फुटपाथ पर दुकान लगाकर सामान, सब्जी, फल-फूड़, खोमचे ठेले लगाने वाले व्यवसायी हो, सभी के हित मेें कारगर काम किये गये है।        

 जिले में पिछले एक वर्ष में 29 हजार 521 किसानों के खातों में 51 करोड़ 53 लाख रूपये जमा करायें।         

 12 हजार 616 किसानों को 28 करोड़ 76 लाख रूपये कृषि सामग्री के लिये ऋण दिये गये।         

 मुरैना जिले में वर्ष 2020 में रबी फसल किसानों से 84 हजार 229 मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी की गई। जिस पर किसानों को 162 करोड़ 14 लाख रूपये का भुगतान किया गया है। जिले में 44 हजार 835 मैट्रिक टन सरसों की खरीदी की गई। जिस पर 198 करोड़ 40 लाख रूपये का भुगतान किसानों को किया गया। 

 जिले में 296 मैट्रिक टन चना की खरीदी की गई है, जिस पर 1 करोड़ 44 लाख रूपये का भुगतान किसानों को किया गया।  

  खरीफ के समय जिले में 1 करोड़ 47 लाख 850 मैट्रिक टन बाजरा की खरीदी की गई। जिस पर 317 करोड़ 88 लाख रूपये का भुगतान किसानों को किया गया। 

 जिले में 2020-21 में रबी फसल सीजन के दौरान क्ष्ेात्राच्छादन के निर्धारित लक्ष्य 2 लाख 71 हजार के विरूद्ध 2 लाख 69 हजार 29 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल की पूर्ति की गई। इस दौरान 84 हजार 909 क्विंटल बीज वितरण किये गये। 58 हजार 602 मैट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किया गया। 85 बायोगैस संयंत्र लगाये गये। 4 हजार 473 खेत की मिट्टी जांच नमूने लिये गये। गुण नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 162 बीजों के 274 उर्वरकों, 22 पौध, संरक्षण औषधी के नमूने लिये गये। 9 उर्वरकों, 12 बीज और 3 कीटनाशक नमूने अमानक पाये गये, जिनके विक्रय भंडारण एवं परिवहन को प्रतिबंधित किया गया।   

 खरीफ फसल अभियान के तहत 7 लाख 22 हजार 760 हेक्टेयर क्षेत्र में पूर्ति की गई। खरीफ फसलों में 484.40 हजार मेट्रिक टन उत्पादन हुआ।  

जिले में 18 हजार 704 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 लाख 32 हजार 349 मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ है 

 जिले में उद्यानिकी के क्षेत्र में 18 हजार 704 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 लाख 32 हजार 349 मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ है।     

 उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे है। जिले में 18 हजार 704 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 लाख 32 हजार 349 मैट्रिक टन का उत्पादन हुआ है।        

 जिले में 2019-20 में 17 हजार 609 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 लाख 12 हजार 618 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 में 1 हजार 185 हेक्टेयर क्षेत्र और बढ़कर कुल 18 हजार 794 हेक्टेयर क्षेत्र में 3 लाख 32 हजार 349 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ है। वर्ष 2020-21 में 1 हजार 185 हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी, के क्षेत्र को बढ़ाकर 3 लाख 32 हजार 349 मैट्रिक उत्पादन हुआ। जो पिछले वर्ष से 19 हजार 731 मैट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन है।  

 महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम अन्तर्गत पौध उत्पादन एवं अधोसंरचना विकास हेतु जिले की तीन नर्सरियों की कार्य योजना कुल राशि 1.51 करोड़ रूपये की स्वीकृत हुई है। जिससे तीन वर्षो में 40101 मानव दिवस सृजित होंगे और प्रति रोपणी 1.50 लाख पौधे के मान से कुल 4.50 लाख पौधे तैयार होंगे। जिससे आगामी वर्षो में जिले की आवश्यकता के अनुसार पौधों की उपलब्धता होगी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम अंतर्गत कृषकों की निजी, पट्टे की भूमि पर फलपौध रोपण के लिये कुल 627 कृषकों की 254.800 हेक्टर रकवा की डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है। पौध रोपण की कार्यवाही प्रगतिरत है।   

 फसलोत्तर प्रबंधन अन्तर्गत शीतग्रह (कोल्ड स्टोरेज) स्थापित करने के लिये 1000 मैट्रिक टन क्षमता की 5 एवं 500 मैट्रिक क्षमता की 2 कुल 7 गौडाउनों की डीपीआर तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को स्वीकृति के लिये प्रेषित की गई है। आदर्श विकासखण्ड पोरसा में 50 मैट्रिक टन क्षमता के कुल 6 प्याज भण्डार गृह निर्माण हेतु कार्यवाही प्रगतिरत है।   

सिंचाई की सुविधायें बढ़ाई 

 जल संसाधन विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष में 1 हजार 425 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ाई गई, इससे 19 गांव के एक हजार 636 किसानों को सिंचाई की सुविधा मुहैया हुई है।    

 जिले के बानमौर में औररूआ नाला पर 5 करोड़ 16 लाख 86 हजार रूपये की लागत से स्टापडेम बनाया गया। स्टापडेम के बन जाने से विजेपुर, मडरई, सिकरोडी, सिहोरी, बाराड़, जयनगर के 541 कृषक लाभान्वित हो रहे है। इस डेम की पानी भराव क्षमता 0.91 एम.सी.एम. है।    

 इसी तरह अम्बाह-पोरसा की क्वारी नदी पर बने गोपी स्टाॅपडेम के निर्माण पर 8 करोड़ 32 लाख 15 हजार रूपये खर्च किये गये। इस स्टापडेम के बन जाने से क्षेत्र के गोपी, कमतरी, रिठौरा का पुरा, बिरैरूआ, पांचोली ग्राम के 592 किसान सिंचाई का लाभ उठा रहे है। इस स्टापडेम के जलभराव की क्षमता 1.34 एम.सी.एम. है। 

 अम्बाह के शिकहरा गांव के पास क्वारी नदी पर 10 करोड़ 31 लाख रूपये की लागत से बने शिकहरा स्टापडेम कम काजवे के निर्माण से शिकारा, सुकाण्ड, प्रेमपुरा, दोरेटा, महिया पुरा, पुलिया पुरा, खेरली, किथवारी सहित 8 गांव के 503 किसान सिंचाई से लाभान्वित हो रहे है। इस डेम में पानी भराव की क्षमता 1.74 एमसीएम है। 

पीडब्ल्यूडी विभाग

 मुरैना, भिण्ड में 41 करोड़ रूपये की लागत से 1 हजार 186 किलोमीटर लंबी 21 सड़के स्वीकृत हुई है, इनमें मुरैना जिले के अम्बाह विधानसभा क्षेत्र में 8, दिमनी में 11 और भिण्ड जिले की मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में 2 सड़के है। 

 लोक निर्माण विभाग की प्लान योजना के तहत 7 कार्य पूर्ण किये गये है। 21.33 किलोमीटर डामरीकृत मार्ग पूर्ण किया है। 5.82 किलोमीटर सीसी कार्य किये गये है। 181 पुल-पुलियों का निर्माण किया है। इन सभी पर 30 करोड़ 44 लाख 65 हजार रूपये व्यय किये गये है। सड़क मजबूतीकरण योजना में 2.24 किलोमीटर डामरीक्रत सड़कों को 1.10 किलोमीटर सीसी मार्ग पर कार्य किया गया। इस पर 189 करोड़ 87 लाख रूपये व्यय किये गये है। नवीनीकरण के 9 कार्य पूर्ण किये गये है, जिन पर 2 करोड़ 47 लाख रूपये व्यय किये गये है।  

 176 करोड़ रूपये करकेे मुरैना से लेकर पोरसा तक हाइवे मापदण्ड़ो के अनुरूप सड़को का उन्नयन कार्य किया गया है। 55 करोड़ रूपये की लागत से बानमौर, शनिचरा, मालनपुर होते हुये चैड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस पर डब्ल्यूबीएम का कार्य किया जा चुका है। इसी तरह टूरिस्ट सर्किट के तहत माता बसैया से शनिचरा, मितावली, पढ़ावली सड़क का काम किया जा रहा है।  

90 करोड़ रूपये की लागत से बन रहा है उसैदघाट पुल  

 चंबल नदी के उसैदघाट पर 90 करोड़ रूपये की लागत से 700 मीटर लंबे, 12 मीटर चैड़े उसैदघाट का निर्माण कार्य चल रहा है। इस पुल के बन जाने से मुरैना जिले के लोग सीधे उत्तरप्रदेश के आगरा से जुड़ जायेंगे। इससे बड़े पैमाने पर व्यापार जिले से जुड़ेगा, आवासी रिश्तेदारियां बढ़ेगी, वहीं लोंगो को धौलपुर होकर नहीं जाना पड़ेगा। इस पुल की ऊंचाई 25 मीटर की रहेगी। जबकि फाउडेंशन की गहराई 49 मीटर रखी गई है। नदी का जल स्तर बढ़ने से पुल की ऊंचाई अधिक रहे, इसके लिये उच्च स्तरीय तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यह पुल 2026 तक गुजरात की सोना बिल्डर्स कंपनी द्वारा तैयार कर दिया जायेगा। 

 अतरसुमा में न्यू टाउनशिप निर्मित की गई है, यहां टाउनशिप में 1 हजार 116 आवासों का निर्माण किया गया है। टाउनशिप का निर्माण नगर निगम मुरैना द्वारा किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ए.एच.पी. (एपोटेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट) द्वारा 1 हजार 116 आवासों का निर्माण किया है। इनमें 120 एमआईजी, 240 एलआईजी और शेष ईडब्ल्यूएस आवास है। इन आवास से ऐसे गरीब परिवार को छत उपलब्ध हो रही है, जो छत का सपना संजोए बैठे थे। प्रतिदिन कम से कम 200 मजदूरों को इन भवनों के निर्माण कराने का काम भी मिला। 

साढ़े 8 हजार करोड़ रूपये की लागत से होगा अटल प्रोग्रेस-वे 

 चंबल अटल से गुजरने वाले साढ़े 8 हजार करोड़ रूपये की लागत से लगभग 450 किलोमीटर लंबे अटल प्रोगे्रस-वे इस अंचल के समुचित क्षेत्र के सुखद भविष्य की योजना है। इस योजना के तहत भूमि अधिग्रहण करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। यह प्रोग्रेस-वे एनएच-92 भिण्ड, इटावा मार्ग पर बड़ापुरा के पास से सुरपुरा पोरसा के पास चंबल किनारे से मुरैना, श्योपुर होते हुये राजस्थान को टच करेगा। इस मार्ग पर औद्यौगिक कोरिडोर बनाये जायेंगे। इससे क्षेत्र में समृद्धि के नये आयाम प्रशस्त होंगे।   

108 करोड़ रूपये के फ्लाईओवर से शुगम हो गया यातायात 

 28 सितम्बर 2020 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान, क्षेत्रीय सांसद एवं केन्द्रीय कृषि, पंचायती राज, ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और सड़क परिवहन के केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री बीके सिंह ने शहर के बेरियर चैराहे पर बने 108 करोड़ रूपये के फ्लाईओवर का बेव कास्टिंग के माध्यम से शहर के विकास में एक नया अध्याय को जोड़ते हुये जनता को समर्पित किया। इस ओव्हर ब्रिज के बन जाने से बेरियर चैराहे पर वर्षो से लग रहे वाहनों के जाम की दिक्कत से निजात मिल गई है। इस ब्रिज के बन जाने से हाईवे पर यातायात शुगम हो गया है। 

चंबल से पानी लाने के हर संभव प्रयास 

 चंबल से पानी लाने के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान, क्षेत्रीय सांसद श्री नरेन्द्र सिंह तोमर हर संभव प्रयास किये जा रहे है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान 29 सितम्बर 2020 को चंबल से पानी लाने वाली इस 287.57 करोड़ रूपये की आवर्धन योजना का आॅनलाइन भूमिपूजन कर चुके है।   

नवीन कलेक्ट्रेट का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण 

 मुरैना जिले में 15 करोड़ 7 लाख रूपये की लागत से नवीन कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण किया गया। जिसे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा लोकार्पण किया गया।    

नवीन जिला पंचायत भवन का केन्द्रीय मंत्री ने किया लोकार्पण 

 मुरैना जिले में नवीन जिला पंचायत भवन 2 करोड़ 97 लाख रूपये की लागत से बनाकर तैयार की गई। जिसका केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकार्पण किया।  

पीएचई विभाग  

 425 ग्रामों में 23 करोड़ रूपये व्यय करके 1 हजार 615 हेण्डपंप स्थापित किये गये है। 13 ग्रामों की नलजल योजनायें पूर्ण की गई है, 85 ग्रामों में नलजल येाजनायें प्रगतिरत है। नलजल योजनाओं पर 100 करोड़ रूपये व्यय किये गये है। 

 जल निगम की 77 करोड़ 66 लाख रूपये की दतहरा नलजल परियोजना 99 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है। इस परियोजना से 36 गांव की 86 हजार 70 जनसंख्या लाभान्वित होगी।      

स्वास्थ्य विभाग 

 जिला चिकित्सालय में 600 बिस्तर वाले अस्पताल का काम प्रगतिरत है। इसकी लागत 45 करोड़ 59 लाख रूपये है। 

ब्राॅडगेट परियोजना पर चल रहा है काम 

 ग्वालियर से श्योपुर नेरोगैज (छोटी लाइन) को ब्राॅडगैज (बड़ी लाइन) में परिवर्तन करने के लिये ग्वालियर श्योपुर रेल परियोजना का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस परियोजना के तहत ग्वालियर से मुरैना होते हुये श्योपुर तक 187.53 किलोमीटर लंबी ब्राॅडगैज लाइन (बड़ी लाइन) डाली जा रही है। मुरैना जिले मे ंपिछले सितम्बर, अक्टूबर तक 184.962 हेक्टेयर भूमि ब्राॅडगैज रेल परियोजना के तहत अधिग्रहण कर ली गई है। इसमें मुरैना की शासकीय भूमि 56.171 हेक्टेयर निजी भूमि 105.880 हेक्टेयर और 12.904 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि है। 

नगर निगम मुरैना 

 मुरैना शहर में अमृत योजना के तहत 280 करोड़ रूपये की लागत से प्रथम फैस का 24 वार्डो का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके साथ ही 24 एमएलडी जल सोधन यंत्र भी पूर्ण हो चुका है। सीवरेज कनेक्शन अभी तक 24 वार्डो में 98 प्रतिशत प्रगतिरत है।      

 मुरैना शहर के अन्तर्गत गरीबो को आवास उपलब्ध कराने के लिये 1116 आवास कार्य पूर्ण किये जा चुके है। इसके अलावा 240 आवास गरीब लोंगो के लिये अतिरिक्त बनाये गये है। इन आवासों पर कुल 122 करोड़ रूपये का व्यय हुआ है। 

ग्रामीण विकास विभाग  

 मुरैना जिले में 28 लोंगो को 8 लाख 25 हजार रूपये की मुख्यमंत्री स्वैच्छानुदान की सहायता दी गई।         

 मुरैना जिले में 478 ग्राम पंचायतों में शौचालय बनाकर जिले को ओडीएफ घोषित किया।      

 मुरैना जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 14 हजार 339 आवास स्वीकृत किये गये थे, जिसमें से 13 हजार 364 आवास बनकर पूर्ण हो चुके है। 

 मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में 3 हजार 966 समूहों का गठन किया गया है। 

 मुरैना जिले की 478 ग्राम पंचायतों में 554 शान्तिधाम स्वीकृत किये गये थे, जिनमें से 392 पूर्ण हो चुके है, 16 प्रगतिरत है। 

 मुरैना जिले की 478 ग्राम पंचायतों में प्रथम फेस में 30 गौशालाओं का निर्माण स्वीकृत किये गये थे, जिसमें से 30 गौशाला निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है और 10 गौशालाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। 

 मुरैना जिले की 478 ग्राम पंचायतों में 509 खेल मैदानों का निर्माण कार्य किया जाना है। जिनमें 254 स्वीकृत किये गये थे, उनमें 193 कार्यपूर्ण हो चुके है, 35 प्रगतिरत है। 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 

 जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 108.62 लाख मानव दिवस एवं 36460.48 लाख वित्तीय व्यय लेबर बजट का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार एक लाख 57 हजार जाॅबकार्डधारी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। पूरे वित्तीय वर्ष में पूर्ण 4600 निर्माण कार्यो में से 300 तालाब निर्माण कार्य, 250 सुदूर सड़क संपर्क, 200 चैकडेम, 30 गौशाला निर्माण व शेष अन्य कार्य जैसे- खेत तालाब, रपटा निर्माण, कन्टूर ट्रंच, नाला निर्माण, गली प्लग निर्माण, पीएम आवासें को पूर्ण किया गया है। भौतिक रूप से 134.05 मानव दिवस एवं 40831.33 लाख वित्तीय व्यय का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। भौतिक रूप से प्राप्त किये गये लेबर बजट का लगभग 123 प्रतिशत एवं वित्तीय रूप से लगभग 112 प्रतिशत उपलब्धी अर्जित की गई है। 

  शासन स्तर से पुनरीक्षित लेबर बजट तैयार करते हुये जिला के लिये नवीन लक्ष्य 114.97 लाख मानव दिवस का रखा गया है। जिसे प्राप्त कर लिया गया है। तदउपरांत भी उपलब्ध जाॅबकार्ड धारी परिवार अनुसार रोजगार की मंाग को दृष्टिगत रखते हुये लेबर नियोजन की कार्य योजना तैयार की जा रही है। ताकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के आगामी शेष दिवसों में जरूरतमंद परिवारों को काम की मांग अनुसार पर्याप्त रोजगार प्राप्त हो सके। जिससे काम के अभाव में कोई भी मजूदर अन्यत्र पलायन न कर पावे।  

स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण मिशन 

 स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 1 अप्रैल 20 से फेज-2 प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत ग्राम पंचायतों में नवीन परिवार बढ़ने से शौचालय विहीन घरों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु 4615 शौचालय निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके विरूद्ध वर्तमान तक 4239 शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण कर 91.90 प्रतिशत प्रगति प्राप्त कर ली गई है। 

 सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण हेतु 3000 से अधिक आवादी वाले ग्रामों का चयन किया जाकर प्रथम चरण में 202 सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके विरूद्ध वर्तमान तक 79 सामुदायिक शौचालयों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। तथा 123 स्वच्छता परिसर का निर्माण कार्य छत स्तर तक पूर्ण कर लिया गया है, जिसे 25 मार्च 2021 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। 

 ठोक एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का निपटान किया जाये और संसाधनों का उपयोग कर ग्राम को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाये। जिले में 143 ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन निपटान के कार्य किये जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरूद्ध सभी 143 ग्राम पंचायतों में सर्वे कराया जाकर डीपीआर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 14 ग्राम पंचायतों को प्रथम चरण में प्राथमिकता प्रदान करते हुये 15 अप्रेल 2021 तक ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य पूर्ण कराने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शेष ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन लक्ष्य पूर्ण किये जाने हेतु 30 जून 2021 तक पूर्ण करने की कार्य योजना पर तैयार की गई है। 

मध्यान्ह भोजन योजना 

 जिले में मध्यान्ह भोजन अन्तर्गत लक्षित 2553 प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में 204828 दर्ज शतप्रतिशत छात्र-छात्राओं को कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुये, खाद्य सुरक्षा भत्ता अन्तर्गत खाद्यान्न 4669.70 मैट्रिक टन (गेहं, चावल) का वितरण किया गया। 

 जिले में मध्यान्ह भोजन योजना अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा भत्ता अंतर्गत छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में सीधे शासन स्तर से राशि रूपये 950.25 लाख रूपये की राशि जारी की गई। 

 जिले की मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत लक्षित शालाओं के छात्र-छात्राओं को ड्रायराशन के रूप में 457702 कि.ग्रा. दाल एवं 119836.65 कि.ग्रा. तेल का वितरण किया गया। 

 जिले में मध्यान्ह भोजन योजना अन्तर्गत कार्यरत 5464 रसोईयांे को उनके बैंक खाते में कुल राशि रूपये 327.84 लाख जारी की गई। जिले की 92 शालाओं में राशि रूपये 4.75 लाख से मां की बगिया किचिन गार्डन स्थापित किये गये। जिससे उत्पन्न होने वाली सब्जियों को छात्र-छात्राओं को वितरित किया गया। वर्ष 2020-21 में 93 शालाओं में राशि रूपये 214.04 लाख से किचिनशेड निर्माण कार्य पूर्ण किये गये। 

13 हजार 775 प्रधानमंत्री आवास पूर्ण 

 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना केे तहत जिले में कुल स्वीकृत 14 हजार 332 आवासों में से 13 हजार 775 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। जो 96.11 प्रतिशत की उपलब्धी है।  

 मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर (फुटपाथ विक्रेता) ऋण योजना में योजना प्रारंभ से अभी तक 9 हजार 168 स्वीकृत ऋण प्रकरणों में से 8 हजार 559 ऋण प्रकरणों में 8 करोड़ 55 लाख 90 हजार रूपये के ऋण वितरित किये गये है। इस योजना के तहत मुरैना जिले में 34 हजार 161 ग्रामीण फुटपाथ विक्रेताओं का पंजीयन किया गया। 8 हजार से अधिक के ऋण प्रकरण तैयार कर बैंको को भेजे गये है। 

 इसी तरह प्रधानमंत्री शहरी पथ विक्रेता योजना में 8 हजार 256 लोंगो को 8 करोड़ 25 लाख 60 हजार रूपये के ऋण वितरित कर लाभान्वित किया है। 

कुटीर एवं ग्रामोद्योग में तीन योजनायें संचालित 

हथकरघा बुनकरों को प्रशिक्षण दिया   

  कुटीर एवं ग्रामोद्योग की विभागीय राज्य स्तरीय योजना एकीकृत क्लस्टर विकास कार्यक्रम अंतर्गत जिले के 30 हाथकरघों बुनकरों को कौशल प्रशिक्षण एवं करघा प्रदाय हेतु राशि रू. 11.84 लाख स्वीकृत की गई हैं, प्रशिक्षण हेतु क्रियान्वयन एजेंसी मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम इकाई ग्वालियर है। 

मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड

   प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत वर्ष 20-21 हेतु जिले को 37 हितग्राहियों हेतु मार्जिन मनी राशि रू. 110.21 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके विरूद्ध 112 प्रकरण बैंकों को प्रेषित किये गये, जिसमें से बैंकों द्वारा 20 प्रकरणों में ऋण स्वीकृत किये गये हैं। स्वीक्रत प्रकरणों में मार्जिन मनी राशि रू. 81.96 लाख है।     

मध्यप्रदेश माॅटीकला बोर्ड 

 वर्ष 2020-21 में माटी शिल्पियों को कौशल उन्नयन प्रशिक्षण हेतु 20 हितग्राहियों के आवेदन प्रशिक्षण संचालन हेतु माटीकला बोर्ड को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है जिसमें से वर्तमान में 02 प्रशिक्षणार्थी टेराकोटा शिल्प का 45 दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल में प्राप्त कर रहे हैं।    

पशुपालन  

 जिले में पिछले 1 वर्ष में 3 लाख 87 हजार कुल प्रजनन भैस वंश है। इनमें से 50 विभागीय 60 दुग्ध संघ कुल 110 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों पर कृत्रिम गर्भाधान किया गया। जिले को 1 लाख 5 हजार कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जो शतप्रतिशत पूर्ण किया गया।   

 वधियाकरण योजना के तहत 5 हजार 600 लक्ष्य के विरूद्ध 5 हजार 558 वधिकरण किया गया। 2 लाख 44 हजार पशुओं के उपचार लक्ष्य के विरूद्ध 2 लाख 45 हजार 454 पशुओं का उपचार किया गया, जो लक्ष्य से अधिक है। 13 लाख 37 हजार 5 पशुओं का टीकाकरण किया गया। 676 पशुओं का बीमा किया गया। पशुओं की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये वर्ष 2019-20 में 30 गौशालाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें से 29 गौशालायें पूर्ण कर ली गई है। चालू माली साल के दौरान जिले को 120 गौशालायें बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें से अभी 57 गौशालाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर भूमि चिन्हित की गई है। पशुपालन विभाग द्वारा 3500 किसानों को केसीसी जारी की गई। राष्ट्रीय कृृत्रिम गर्भाधान योजना में 27 हजार 502 कृत्रिम गर्भाधान किया गया। मुर्शपाड़ा प्रदाय योजना 7, अनुदान पर बैकयार्ड कुक्कुट ईकाई प्रदाय योजना में 85, आचार्य विद्या सागर गौ संवर्धन योजना में 11 कड़कनाथ पालन में 250 और राष्ट्रीय पशुधन मिशन ग्रामरी बैकयार्ड कुक्कुट ईकाई वितरण के 600 लक्ष्य के विरूद्ध शतप्रतिशत उपलब्ध हासिल की है।      

महिला बाल विकास 

 जिले की 11 परियोजनाओं में 140 बिस्तर क्षमता वाले पोषण पुनर्वास केन्द्र में 838 कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उपचार किया गया।  

 लाड़ली लक्ष्मी योजना में सभी 11 परियोजनाओं में 8 हजार 23 बालिकाओं को लाभान्वित कर 96 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया। जिले को 8 हजार 350 बालिकाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य दिया गया था।  

 प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जिले की 11 परियोजनाओं में 16 हजार 100 महिलाओं को लाभान्वित किया गया, जो 92 प्रतिशत की उपलब्धी है। जिले को 17 हजार 413 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य था। 

विद्युत मंडल  

  11 एस.एस.टी.डी. के कार्य किये गये है। 3 अतिरिक्त पावर ट्रान्सफार्मर स्थापित किये है। एक ट्रान्सफार्मर पावर क्षमता की वृद्धि की गई है। 3 किलोमीटर क्षेत्र में 33 केव्ही लाइन डाली गई है। 15.36 किलोमीटर क्षेत्र में 11 केंव्ही लाइन डाली गई है। इन सभी पर 246.845 लाख रूपये व्यय किये गये है। आईपीडीएस के तहत 1 कार्य पूर्ण किया है, जिसमें 33/11 केव्ही सब स्टेशन 2.79 किलोमीटर में 33 केव्ही लाइन, 1.4 किलोमीटर क्षेत्र में 11 केव्ही लाइन डाली गइ्र है। इन सभी पर 267.243 लाख रूपये व्यय किये गये है। एनडीएफ योजना के तहत 14 कार्य किये है, इनमें 11 डीटीआर, 6.22 किलोमीटर क्षेत्र में एलटी लाइन 3.7 किलोमीटर क्षेत्र में 11 केव्ही लाइन डाली गई है। इस पर 56.312 रूपये का व्यय किया गया है। विभाग द्वारा 48 डिपोजिट कार्य करके 126.58 लाख रूपये व्यय किये गये है। 5 प्रतिशत सुपरवीजन के 75 कार्यो पर 481.28 लाख रूपये व्यय किये गये है। सौभाग्य योजना में विद्युत विहीन घरों को कनेक्शन दिये गये, इस पर 79 करोड़ 30 लाख रूपये व्यय किये गये है।     

समाधान एक दिवस

 जिले में समाधान एक दिवस योजना के तहत 1 अप्रैल 2020 से 15 मार्च 2021 तक 50 हजार 18 प्राप्त आवेदनों में से 48 हजार 846 आवेदकों को एक दिवस में ही सेवा प्रदाय समाधान किया गया। 1 हजार 172 आवेदकों को अगले दिवस सेवाऐं प्रदान की गई।   

 कोविड-19 की रोकथाम के लिये 1 लाख 11 हजार 536 लोंगो का कोविड टेस्ट कराया गया, जिसमें 1 लाख 11 हजार 9 की रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें पाॅजीटिव 3 हजार 260, निगेटिव 10 लाख 7 हजार 277 की रिपोर्ट प्राप्त हुई। 3 हजार 260 मरीजों का उपचार किया गया। उपचार के पश्चात् रिकवर होकर उन्हें घर वापस भेजा गया। कोरोना काल के दौरान 29 लोंगो की मृत्यु हुई है। आदिम जाति कल्याण विभाग को 17 छात्रावासों को कोरोना उपचार सेंटर बनाया गया, जहां पाॅजीटिव मरीजों के पलंग, खान-पान, उपचार, पेयजल सहित बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराई गई।  

 आयुष्मान कार्ड: जिले में 10 लाख 18 हजार 478 आयुष्मान कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें 4 लाख 40 हजार 429 कार्ड बनाये गये है।

 जिले में सांकरा, सिंगोरा, घुरैया बसई और भैंसाई में 4 उप स्वास्थ्य केन्द्र बनाये गये, जिनका लोकार्पण जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जा चुका है। 

 जिला चिकित्सालय में औषधी भंडार केन्द्र बनाया गया है।  

 जिले में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नूरावाद के भवन एवं 5 आवासीय भवनों का निर्माण पूर्ण होने के बाद जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लोकार्पण कराया गया।   

 पोरसा में 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कर 50 बिस्तर का सिविल अस्पताल घोषित किया।     

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