किसान आंदोलन से जोड़ने, किसान पंचायत का आयोजन किया गया





सीधी। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा ग्राम भोलगढ़ में किसान विश्राम यादव के आयोजकत्व में किसान पंचायत का आयोजन किया गया। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए जा रहे किसान आंदोलन को 100 दिन से ऊपर हो चुके हैं। पूजीपतियों की चौकीदार बानी मोदी सरकार तीनों काले कृषि कानून को वापस करने और समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने को तैयार नहीं है। देश भर के दुखी किसान दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी संख्या में मोर्चा सम्हाले हुए है। जो किसान दूरी और आवागमन की असुविधा के कारण दिल्ली के किसान आंदोलन में नहीं पहुंच पा रहे हैं उन किसानों को दिल्ली के किसान आंदोलन से जोड़ने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सीधी जिले में किसान पंचायतों का आयोजन किया जा रहा है। छोटे-सीमांत किसान काम-धंधा छोड़कर अपनी बातें कहने दिल्ली बॉर्डर तक नहीं पहुंच सकते, लिहाजा किसान पंचायतों में शामिल होकर अपनी परेशानियां गिना सकाते है। किसान पंचायत के मंच से अपनी बात रखते समय किसान में कितना रोष और गुस्सा है देखने को मिलता है। जिले में कई किसान पंचायते की जा चुकी है उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज ग्राम भोलगढ़ में यह किसान पंचायत की गई है। किसान पंचायत से किसानों को अपनी समस्याएं रखने का मंच मिल रहा है। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिलाध्यक्ष ददन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृष कानून के चलते आने वाले दिनों में किसानों के ऊपर बड़ा संकट आएगा किसान अपनी जमीन में मजदूर बंन कर रह जाएगा। इसलिए किसान आंदोलन को हम सभी किसानों को अपना समर्थन करना चाहिए। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए द्वारका प्रसाद बैस ने कहा कि आजादी के बाद जिस भी पार्टी की सरकार बनी है सभी ने किसानों को लूटने का काम किया और किसानों के साथ धोखा किया है। पहले वाली सरकार भी यदि किसानों के प्रति संवेदनशील होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू कर देती। मौजूदा सरकार ने भी किसानों के साथ धोखा करते हुए तीन काले कृष कानून बनाए हैं जो किसानों की ऊपर कुठाराघात हैं। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए स्थानीय किसान बृजेश तिवारी ने कहा कि इन कानूनों के चलते समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रभावित होगी सरकारी मंडियां भी प्रभावित होंगी इन कानूनों के चलते ठेका खेती से किसान उद्योगपतियों का मजदूर बन कर रह जाएगा। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए स्थानीय किसान विनोद जायसवाल ने कहा कि सरकारी तंत्र की बेईमानी के चलते किसान पहले से ही परेशानी में था अब जो नए कानून बनाए गए हैं उससे किसान के सामने उसके जीवन मरण का प्रश्न खड़ा हो गया है।

किसान पंचायत को उमाकांत पांडे, शुभम पांडे, विजय द्विवेदी, छोटे कोल, आनंद तिवारी, हरि मंगल यादव, राम लखन तिवारी, भूखंन विश्वकर्मा, सुरेश तिवारी ने भी संबोधित किया।

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