अखिल भारतीय किसान सभा का झंडा फहरा कर स्थापना दिवस मनाया

 14 अप्रैल को मनाई जाएगी, अंबेडकर जयंती




कैलारस। अखिल भारतीय किसान सभा का गठन 11 अप्रैल 1936 को लखनऊ में हुआ । तत्समय अंग्रेजी राज को समाप्त करने, सामंतवाद के खात्मे, जमीन जोतने वालों की, लगान माफी, बेगार समाप्त करने जैसे मुद्दों को लेकर किसानों ने देश में जुझारू और निर्णायक आंदोलन किए। जिसमें तेलंगाना का सशस्त्र विद्रोह, तेभागा आंदोलन, दक्षिण में पुन्नप्र वायलर आंदोलन, सुरमा घाटी विद्रोह, वर्ली आदिवासी विद्रोह जैसे ऐतिहासिक आंदोलन हुए। जिन्होंने अंग्रेजी राज की चूलें हिला दी। अंग्रेजों को अंततः भारत देश छोड़ना पड़ा। देश आजाद हुआ। आजादी तो मिली। लेकिन पूंजीपति भूस्वामी गठबंधन ने सत्ता पर कब्जा कर लिया। जिसके चलते किसानों की समस्याएं पूरी तरह से हल नहीं हुई। आज भी किसान 4 माह से ज्यादा समय होने के बाद, कृषि कानूनों को वापिस लेने, बिजली कानून समाप्त करने, समर्थन मूल्य पर खरीदी का बाध्यकारी कानून बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।  325 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं। लेकिन सरकार कॉरपोरेट परस्ती छोड़ने को तैयार नहीं है। किसानों का संघर्ष जारी है। इसी क्रम में आज देश भर में 11 अप्रैल को अखिल भारतीय किसान सभा का स्थापना दिवस मनाया गया । इस मौके पर संगठन का झंडा मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने फहराया। किसान नेता गयाराम सिंह धाकड़, सिंचाई अध्यक्ष राम लखन सिंह, पूर्व सोसायटी अध्यक्ष सुरेश धाकड़, बनवारी लाल धाकड़, कन्हैया लाल ,सियाराम सिंह ,नरेंद्र सिंह सिकरवार ,गजराज सिंह आदि ने भागीदारी की व विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन किया गया तथा सोशल डिस्टेंसिंग लागू की गई। संयुक्त किसान मोर्चा के आगामी आव्हान पर 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती व्यापक पैमाने पर गांव गांवों में मनाई जाएगी। लोकतंत्र और संविधान बचाने की शपथ ली जाएगी।

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