मुरैना में न. नि. के लेखपाल के घर लोकायुक्त का छापा: नगर निगम के लेखाधिकारी के 3 ठिकानों पर लोकायुक्त का छापा; नोटों की गडि्डयां, जेवर और प्रापर्टी के कागजात मिले
मुरैना। नगर पालिक निगम लेखापाल के तीन ठिकानों पर लोकायुक्त की छापेमारी, मुरैना व ग्वालियर सहित लोकायुक्त के तीन दल खंगाल रहे है लेखा -जोखा, शहर से स्वर्णकार को बुलाकर सोना चांदी की गणना हो रही है तुलाई, लाखों - करोड़ों का सोना चांदी व नगदी मिलने की चर्चा, लेखापाल संतोष शर्मा नगर निगम सहित नगरपालिका में भी रहें है । मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मुरैना के निवास पुरानी हाउसिंग बोर्ड कालोनी पर है सबसे बडा दल, कार्यवाही स्थल पर बाहर है पुलिस का पहरा , शिकायत की जांच सही पाये जाने पर हुई है कार्यवाही ।
मुरैना नगर निगम के अकाउंटेंट संतोष शर्मा के घर सहित तीन ठिकानों पर लोकायुक्त की छापा मार कार्यवही का मामला घर पर 8 लाख रुपये नगदी , एवं तीन लक्जरी कार ,कई बैंकों में खाते एवं उनमें रुपये होने को बात कबूली , तीन आलीशान मकान , सोना व जेवर का वेल्यूशन जारी , नगर निगम के अकाउंटेंट शाखा में भी पहुंची लोकायुक्त टीम , दस्तावेज खंगाल रही , कार्यालय में भी रखे पर्सनल दस्तावेज
करोड़ों रुपए का आसामी है संतोष शर्मा
1-लोकायुक्त को छापे के दौरान 8 लाख रुपए नगद संतोष शर्मा के बसंत विहार स्थित मकान से प्राप्त हुए हैं।
2-भारी मात्रा में सोने-चांदी के जेवर प्राप्त हुए हैं। जेवर कितना है अभी लोकायुक्त ने स्पष्ट नहीं किया है।
3-बसंत विहार बिहार में दो मंजिला मकान है। जिसकी कीमत लगभग तीन करोड़ बताई जाती है।
4-नैनागढ़ रोड पर लड़के के नाम से न्यू होलेण्ड ट्रेक्टर की ऐजेंसी है।
5-तारागंज ग्वालियर में एक मकान है।
6-तीन कारें हैं। जिनमें केएस अल्टोजं, मारुति कियाजं व मारुति रिट्जं है।
7-मुरैना में ही बैंक में एक लॉकर है। जिसे खुलवाया जा रहा है।
8-कई जमीनों व प्रापर्टियों के कागजात मिले हैं। इन कागजातों की जानकारी खंगाली जा रही है।
मुरैना नगर निगम का अकाउंट अफसर संतोष शर्मा
10 साल से एक ही पद पर
संतोष शर्मा मुरैना में लेखाधिकारी के पद पर पिछले 10 वर्षों से जमे हैं। इससे पहले वह कैलारस में CMO के पद पर पदस्थ थे। बताया जाता है कि नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है साहब छोटी मोटी फाइलों पर हाथ नहीं रखते थे वह हमेशा बड़ा कमीशन लेते थे उसको भी की ऐसी आदत इस दिल में किसी से कोई बात नहीं करते रात के समय घूमने के बहाने हर ठेकेदार व कर्मचारियों से मिलना जुलना बना रहता था यह बताना जरूरी होगा कि विगत 10 वर्षों से एक मंजिल में निवास करने वाले संतोष शर्मा धीरे-धीरे अपनी आसामी को निगम वा नगर पालिक के माध्यम से अवैध धन उगाई करने में लगे हुए थे