केंद्रीय मंत्री श्री तोमर की पहल पर मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं विकास का प्रस्ताव स्वीकृत
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम में 39.24 करोड़ रू. से होंगे कार्य
ग्वालियर/नई दिल्ली, 18 दिसंबर 2021, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा मुरैना-श्योपुर क्षेत्र के सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं विकास का प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति ने अपनी बैठक में 39.24 करोड़ रू. के महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
श्री तोमर ने इस संबंध में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत से चर्चा कर प्रस्ताव को शीघ्र मंजूरी देने का अनुरोध किया था। मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं विकास का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति (ईसी) के समक्ष नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत रखा गया था। मुरार नदी रामौआ बांध से निकलती है। मुरार नदी एक मौसमी नदी है, जो नाले के रूप में बदल गई थी और शहरी सीवेज इसमें शामिल होने लगा था। साथ ही, नदी का प्राकृतिक प्रवाह भी कतिपय विकास और निर्माण गतिविधियों द्वारा अतिक्रमण के चलते अवरूद्ध होने लगा था। जनहित में इन स्थितियों के मद्देनजर चिंता जताते हुए केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने जल निकासी, अनुचित सीवेज और ठोस अपशिष्ट निपटान के साथ इसके रखरखाव को लेकर स्थानीय अधिकारियों से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने को कहा था।
मुरार नदी को विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए नदी कायाकल्प योजना बनाई गई, जिसके तहत इस नदी को फिर से जीवंत करने और एक उच्च गुणवत्ता वाले जलप्रवाह के रूप में बदलने का महत्व प्रस्ताव में दर्शाया गया, ताकि दीर्घकाल तक इस नदी को प्रवाहमान किया जा सकें। केंद्रीय व स्थानीय अधिकारियों ने मुरार में सीवेज के निर्वहन की वर्तमान स्थिति के बारे में जाना तथा निगम आयुक्त, ग्वालियर ने आश्वासन दिया कि अतिक्रमण हटाए जाकर मुरार नदी की पवित्रता कायम की जाएगी। सीवरेज सिस्टम का अलग से प्रबंधन किया जाएगा, अमृत योजना के बारे में भी बताया गया, जिसके बाद इस पूरे प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
स्वीकृत प्रस्ताव के अंतर्गत, रामौआ बांध से बायपास ब्रिज तक (750 मीटर), गांधी रोड ब्रिज से संतर नदी ब्रिज तक (770 मी.), संतर नदी से काल्पी ब्रिज तक (1,100 मीटर), काल्पी ब्रिज से जडेरूआ बांध तक (100 मी.) और मुरार नदी के विश्राम स्थल तक (9,480 मीटर) का निर्माण कार्य प्रस्तावित है।