मुख्यमंत्री श्री चौहान 3 से 7 जनवरी तक लगातार करेंगे विभागीय समीक्षा बैठकें
विभागों के क्रियाकलापों का जायजा लेने के लिए 52 बैठक की रूपरेखा तय
मुरैना 02 जनवरी 2022/मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जन-कल्याण की योजनाओं के सुदृढ़ क्रियान्वयन के लिए सतत समीक्षा आवश्यक है। पूर्व वर्षों में भी नियमित समीक्षा के फलस्वरूप मध्यप्रदेश अनेक योजनाओं में बेहतर परिणाम लाने में सफल रहा है। समाधान ऑनलाइन जैसे कार्यक्रम भी लंबित जन-समस्याओं के निराकरण में उपयोगी हैं। सुशासन के लिए इन सभी माध्यमों का निरंतर उपयोग किया जाएगा। नव वर्ष का प्रथम सप्ताह समीक्षा बैठकों का सप्ताह होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय और सामान्य प्रशासन विभाग ने दिनांकवार बैठकों की रूपरेखा बनाई है।
तीन जनवरी से शुरू होगा बैठकों का सिलसिला
मुख्यमंत्री श्री चौहान सोमवार 3 जनवरी को 15 से 18 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करने के बाद सामान्य प्रशासन, वित्त, गृह, जेल, वाणिज्यिकर, श्रम, खेल एवं युवक कल्याण, अध्यात्म और वन विभाग सहित नौ बैठकें लेंगे।
मंगलवार, 4 जनवरी को मुख्यमंत्री श्री चौहान केबिनेट बैठक के बाद विधि-विधायी कार्य, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, सहकारिता, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-विकास, पशुपालन, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग से संबंधित कुल नौ बैठकें लेंगे।
समीक्षा बैठकों के क्रम में बुधवार, 5 जनवरी को खाद्य- नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, सामाजिक न्याय एवं निरूशक्तजन कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, विमानन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, पर्यटन संस्कृति, खनिज साधन विभाग सहित 11 बैठकें होंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरुवार, 6 जनवरी को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय विकास एवं आवास विभाग सहित कुल 11 बैठकों में कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा करेंगे।
समीक्षा बैठकों की इस श्रंखला के आखिरी दिन 7 जनवरी को मुख्यमंत्री श्री चौहान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन, जनसंपर्क, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, महिला-बाल विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, परिवहन, पर्यावरण, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन और राजस्व विभाग की गतिविधियों की 12 बैठकें लेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान गत समीक्षा बैठकों में दिए गए निर्णयों और विभागों द्वारा संपन्न कार्यवाही की जानकारी भी प्राप्त करेंगे।
आज विद्युत बंद रहेगी
मुरैना 02 जनवरी 2022/ विद्युत मंडल के उपमहाप्रबंधक ने बताया कि 11 केव्ही लाइनों पर प्रोजेक्ट एवं रख-रखाव कार्य होने के कारण 03 जनवरी 2022 को प्रातः 8.30 से दोपहर 1 बजे तक 11 केव्ही डोमपुरा फीडर से संबंधित उपभोक्ताओं की विद्युत सप्लाई बंद रहेगी।
उच्च न्यायालय के न्यायालयीन समय में संशोधन
नवीन व्यवस्था 3 जनवरी से होगी प्रभावशील
मुरैना 02 जनवरी 2022/मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण और पक्षकारों को त्वरित न्याय दिलाये जाने की दृष्टि से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा न्यायालयीन काम के घंटे बढ़ाने की पहल की गई है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिये मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय नियम, 2008 में संशोधन का सुझाव दिया गया है। पूर्व में उच्च न्यायालय के काम के घंटे सुबह 10.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक थे, जिनमें विश्राम की अवधि दोपहर 1.30 बजे से 2.30 बजे तक थी। संशोधन के बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अब सुबह 10.15 बजे से सायं 4.30 बजे तक न्यायालयीन कार्य होगा, जिसमें विश्राम की अवधि दोपहर 1.30 बजे से 2.15 बजे तक होगी। इस तरह प्रतिदिन आधा घंटा समय बढ़ने से लम्बित प्रकरणों के निराकरण में इजाफा होगा। उक्त संशोधन म.प्र. राजपत्र की अधिसूचना 31 दिसम्बर 2021 में प्रकाशित हो चुकी है, जो अगले कार्य दिवस 3 जनवरी 2022 से प्रभावशील होगी।
फसल को शीत लहर व पाले से बचाने के लिये उपयोगी सलाह
मुरैना 02 जनवरी 2022/वर्तमान में चल रही शीत लहर और कड़ाके की ठंड से फसलों को नुकसान होने की संभावना रहती है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जब तापमान पाँच डिग्री सेल्सियस से कम होने लगता है तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। हवा का तापमान जमाव बिंदु से नीचे गिर जाए, दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए, आसमान साफ रहे या उस दिन आधी रात से ही हवा रूक जाए, ऐसी परिस्थितियों में पाला पड़ने की संभावना अधिक रहती है। रात को विशेषकर तीसरे एवं चौथे पहर में पाला पड़ने की संभावना रहती है। साधारणतरू तापमान चाहे कितना ही नीचे चला जाए यदि शीत लहर हवा के रूप में चलती रहे तो कोई नुकसान नहीं होता। पर इसी बीच हवा चलना रूक जाए और आसमान साफ हो तभी पाला पड़ता है, जो फसलों के लिये काफी नुकसानदेह साबित होता है।
शीत लहर एवं पाले से फसलों की सुरक्षा के उपाय
जब भी पाला पड़ने की संभावना हो या मौसम विभाग द्वारा पाले की चेतावनी दी गई हो, ऐसी स्थिति में फसल में हल्की सिंचाई कर देना चाहिए। हल्की सिंचाई से तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसल पाले से बच जायेगी। सिंचाई करने से खेत के तापमान में 0.5 से लेकर 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में बढ़ोत्तरी हो जाती है। पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। पाले से बचाने के लिये नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढंकने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है और सतह का तापमान जमाव बिंदु तक नहीं पहुँच पाता व पौधे पाले से बच जाते हैं। पॉलीथिन की जगह पर पुआल का उपयोग भी किया जा सकता है। पौधे ढंकते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि पौधों का दक्षिणी पूर्वी भाग खुला रहे, जिससे पौधों को सुबह और दोपहर की धूप मिल सके। खेत के पास उत्तरी पश्चिमी दिशा की खेत की मेडों पर रात्रि में धुंआ करना चाहिए जिससे तापमान गलाव बिंदु तक नहीं पहुंचे।
इसी तरह पाले से बचने के लिये कुछ रासायनिक उपचार भी हैं। फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इसके लिये एक लीटर गंधक के तेजाब को एक हजार लीटर पानी में घोलकर एक हैक्टेयर रकबे में प्लास्टिक के स्पेयर से छिड़काव किया जा सकता है। ध्यान रखना चाहिए कि पौधों पर घोल की फुहार अच्छी तरह लगे। इस छिड़काव का असर दो हफ्ते तक रहता है। यदि इसके बाद भी शीतलहर व पाले की संभावना बनी रहे तो 15 दिन के अंतराल से यह छिड़काव फिर से किया जा सकता है। इसी प्रकार थायोयूरिया 500 पीपीएम (आधा ग्राम) प्रति लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है।