प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से चैतन्य देवियों की झांकी लगाई
मुरैना, शैलेंद्र श्रीवास एडिटर। 1 सितंबर 2022 को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से चैतन्य देवियों की झांकी लगाई गई जिसमें इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य भजन प्रस्तुत कर चैतन्य देवियों के बारे में बताया जाता है और उनसे जुड़े आध्यात्मिक रहस्य का भी उजागर किया सर्वप्रथम देवी कालरात्रि देवी,कात्यायनी जी की आरती एडवोकेट विजय सिंह भाई के द्वारा की गई साथ ही साथ एक नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें कुमारी प्रशंसा ने अपनी भक्ति भावना मां के प्रति जागृत की गीत के बोल है धरती गगन में होती मां की जय जयकार तत्पश्चात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रेखा बहन जी जोकि नवरात्रों में चल रहे दिनों में देवी कात्यायनी देवी कालरात्रि के बारे में भी बताया कि अपने बुरे संस्कारों पर विजय प्राप्त करने वाली काल के पंजे से छुड़ाने वाली देवी कालरात्रि तथा देवी कात्यायनी जिन्होंने दृढ़ संकल्प कर विजय प्राप्त की एवं भाई बहनों ने अपने भजनों से कार्यक्रम को चार चांद लगा दिया अंत में सभी को भोग प्रसादी दी गई। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जीवाजी गंज होली हाउस मुरैना केंद्र पर नवरात्रि के उपलक्ष्य में पांचवी दिवस स्कंदमाता चैतन्य झांकी लगाई गई एवं आरती वार्ड के नवनिर्मित पार्षद श्री आयुष अग्रवाल के द्वारा कि इसके पश्चात ब्रह्माकुमारी भाई बहनों के द्वारा भी आरती की तत्पश्चात पूर्व सीएमएचओ डॉ. आर.सी. बंदिल ने स्कंदमाता का अध्यात्मिक रहस्य बताया साथ ही साथ नवदुर्गा में व्रत किस तरीके से करना चाहिए पर प्रकाश डाला व्रत करना शरीर के लिए लाभदायक है तभी सप्ताहिक पाक्षिक एवं मासिक व्रत रखती हैं इससे हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है कुमारी कन्या अंकिता ने स्कंदमाता का रूप धारण कर मंडप को सुशोभित कि वह स्वयं भी एक दिन में एक सेब फल से नौ देवियो मे व्रत रखे हुए हैं कलश की स्थापना क्यों की जाती है अखंड ज्योति मां के दरबार में चलाई जाती है उसके बारे में भी बताया गया कि अंतरात्मा में ज्ञान का घृत डाल करके अपनी आत्मा को जगाने का या प्रतीक है जो हम अखंड ज्योत जगाते हैं कलर्स अर्थात बुद्धि रूपी कलश में ज्ञान को भर कर क के अपने अंदर के अज्ञानता के अंधकार को समाप्त करना आदि रहस्य को उजागर किया।